Bargarh Dhanu Yatra: 25 वर्षों से धनु यात्रा में राक्षस राजा कंस की भूमिका निभा रहे गोपाल साहू का निधन, 70 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 13, 2024 10:34 AM2024-08-13T10:34:39+5:302024-08-13T10:35:54+5:30

Bargarh Dhanu Yatra: ओडिशा में पिछले 25 वर्षों से धनु यात्रा में राक्षस राजा कंस की भूमिका निभा रहे गोपाल साहू का एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 70 वर्ष के थे।

Bargarh Odisha Dhanu Yatra Gopal Sahu passes away playing the role of demon King Kansa since last 25 years | Bargarh Dhanu Yatra: 25 वर्षों से धनु यात्रा में राक्षस राजा कंस की भूमिका निभा रहे गोपाल साहू का निधन, 70 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस

धनु यात्रा कृष्ण की कहानी पर आधारित है

Highlights25 वर्षों से धनु यात्रा में राक्षस राजा कंस की भूमिका निभा रहे गोपाल साहू का निधन70 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांसयह त्यौहार उड़ीसा के संबलपुर जिले में होता है

बारगढ़: ओडिशा में पिछले 25 वर्षों से धनु यात्रा में राक्षस राजा कंस की भूमिका निभा रहे गोपाल साहू का एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 70 वर्ष के थे। ओडिशा की धनु यात्रा कृष्ण की कहानी पर आधारित है, जो मथुरा के तत्कालीन राजा कंस द्वारा आयोजित 'धनुष' समारोह को देखने के लिए मथुरा आए थे।  धनु' शब्द का अर्थ है 'धनुष'। यह त्यौहार उड़ीसा के संबलपुर जिले में होता है।

गोपाल साहू इस विशेष आयोजन में पिछले 25 वर्षों से राक्षस राजा कंस की भूमिका निभा रहे थे। इस त्यौहार के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक इकट्ठा होते हैं और विभिन्न स्थानीय प्रदर्शनों को देखते हैं। 

धनु यात्रा दिसंबर-जनवरी के महीनों में होती है। स्थानीय कैलेंडर के अनुसार यह उत्सव ‘पौष पूर्णिमा’ के बाद 5 से 11 दिनों तक जारी रहता है। धनु यात्रा में राज्य के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ देश भर से कई पर्यटक आते हैं।  रेल मार्ग से संबलपुर जाया जा सकता है।  पर्यटक बस से भी जा सकते हैं। 

 नाटकों की शुरुआत क्रोधित राजकुमार कंस द्वारा अपनी बहन देबकी के बसुदेवा से विवाह से नाराज उग्रसेन को गद्दी से उतारने से होती है और कंस की मृत्यु तथा उग्रसेन के पुनः राजा बनने के साथ समाप्त होती है। इन अभिनयों में किसी लिखित स्क्रिप्ट का प्रयोग नहीं किया जाता।

 पुराने लोगों का कहना है कि ब्रिटिश शासकों के बाद नए बने स्वतंत्र भारत की आज़ादी का जश्न मनाने के लिए मज़दूर वर्ग के लोगों ने इस त्यौहार की शुरुआत की थी। कंस की मृत्यु औपनिवेशिक शासन के अंत का प्रतीक थी। इस आयोजन को दुनिया के सबसे बड़े ओपन-एयर थिएटर के रूप में जाना जाता है। यह 1947 से बरगढ़ में आयोजित किया जाता है।

Web Title: Bargarh Odisha Dhanu Yatra Gopal Sahu passes away playing the role of demon King Kansa since last 25 years

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