बाराबंकीः अधिकारी अमित ने मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह और डीएम आदर्श सिंह पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर दिया इस्तीफा, नौकरी की तो जान को खतरा...
By भाषा | Published: August 4, 2022 03:17 PM2022-08-04T15:17:47+5:302022-08-04T15:41:16+5:30
उत्तर प्रदेशः बाराबंकी के रामनगर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी ने जिले की मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह को भेजे गए त्यागपत्र में उन पर तथा जिलाधिकारी आदर्श सिंह पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
लखनऊः बाराबंकी जिले के रामनगर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी ने जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है।
शासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। बाराबंकी के रामनगर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी ने जिले की मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह को भेजे गए त्यागपत्र में उन पर तथा जिलाधिकारी आदर्श सिंह पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। सरकार ने बुधवार को इस मामले की जांच ग्राम्य विकास आयुक्त को सौंपी है और उनसे तत्काल रिपोर्ट देने को कहा गया है।
त्रिपाठी ने दो अगस्त को मुख्य विकास अधिकारी एकता सिंह को भेजे गए पत्र में उन पर तथा जिलाधिकारी आदर्श सिंह पर पिछले एक महीने से उन्हें अत्यधिक परेशान और अपमानित करने आरोप लगाया है और यह भी कहा है कि वह मजबूर होकर त्यागपत्र दे रहे हैं। त्यागपत्र में कहा गया है कि अगर आगे उन्होंने नौकरी की तो उनकी जान को खतरा भी हो सकता है।
जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की। त्रिपाठी ने पत्र में गत एक जुलाई को पूरेडलई विकासखंड में हुए अपने स्थानांतरण का जिक्र करते हुए कहा है कि उन्होंने नया कार्यभार भी ग्रहण कर लिया था।
लेकिन बाराबंकी से सांसद उपेंद्र रावत तथा रामनगर विकासखंड के अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनका स्थानांतरण रद्द करने के लिए जिलाधिकारी से बात की थी। पत्र में कहा गया कि उसके बाद उनका तबादला निरस्त कर दिया गया था जबकि उन्होंने अपना तबादला रुकवाने के लिए कोई पैरवी नहीं की थी, मगर जनप्रतिनिधियों द्वारा फोन किए जाने को लेकर जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी नाराज थे।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि आठ जुलाई की शाम को उन्हें जिलाधिकारी आवास पर बुलाया गया जहां आदर्श सिंह और मुख्य विकास अधिकारी ने उन्हें बहुत डांटा-फटकारा और अपमानित किया, उसके बाद 30 जुलाई को दोनों अधिकारियों ने राम नगर विकास खंड का औचक निरीक्षण किया।
तेज बुखार होने के बावजूद उन्हें जबरन बुलाकर फिर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। त्रिपाठी ने त्याग पत्र की एक प्रति प्रदेश शासन में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को भी भेजी जिन्होंने बुधवार को ग्राम्य विकास आयुक्त को मामले की जांच करके तत्काल रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।