धर्म संसद में हेट स्पीच देने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी और नरसिंहानंद की जमानत याचिका खारिज
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 21, 2022 04:22 PM2022-01-21T16:22:13+5:302022-01-21T16:39:26+5:30
उत्तराखंड के हरिद्वार में बीते दिसंबर महीने में आयोजित हुई धर्म संसद में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने कथिततौर पर धर्म विशेष के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिये थे। जिसके कारण लोगों में काफी गुस्सा था।
उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में धर्म विशेष के खिलाफ नफरत की भाषा बोलने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की जमानत याचिकाएं कोर्ट ने खारिज कर दी है। दोनों आरोपियों की जमानत प्रार्थना को अलग-अलग अदालतों ने सुनवाई के बाद रद्द कीं।
जानकारी के मुताबिक वसीम रिजवी यानी जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका को एडिशनल सेशन और डिस्ट्रिक्ट जज ने खारिज की। वहीं रिजवी के गुरु और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के मुख्य पुजारी नरसिंहानंद की याचिका चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने ने नामंजूर की।
दोनों आरोपियों की जमानत के मामलों को अदालतों ने वर्चुअल सुनवाई के जरिये सुना। मालूम हो कि बीते साल दिसंबर महीने में 17 से 19 तारीख के बीच हरिद्वार में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया। जिसमें आरोप है कि वसीम रिजवी और नरसिंहानंद के साथ-साथ कई अन्य धर्माचार्यों ने कथिततौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नफरत भरे हिंसत्मक भाषण दिया। इसी मामले में फिलहाल वसीम रिजवी उर्फ जितेंग्र नारायण त्यागी और यति नरसिंहानंद जेल में हैं।।
मालूम हो कि जब धर्म संसद में इस तरह से धर्म विशेष को निशाना बनाने की बात सामने आयी तो देश के कई सम्मानित व्यक्तियों और सामाजिक संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ जस्टिस एनवी रमना को पत्र लिखकर सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई थी। मामले की गंभीरता दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था।
वहीं उत्तराखंड पुलिस ने 13 जनवरी को वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को नफरत भरे भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। रिजवी पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं। हेट स्पीच मामले में रुड़की के नारसन बॉर्डर से यह पहली गिरफ्तारी की गई।
उसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने नरसिंहानंद पर भी कड़ा एक्शन लिया और बीते 15 जनवरी को गिरफ्तार किया। जब उत्तराखंड पुलिस ने डासना मंदिर के महंत को पकड़ा तो उन्होंने मौके पर पुलिस अफसरों को धमकी की और कहा, "तुम सब मरोगे"।
धर्म संसद में भड़काऊ भाषण के मामले में दर्ज हुई एफआईआर में 10 से अधिक लोगों के नाम शामिल हैं। जिसमें केवल दो लोग नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी ही सलाखों के पीछे पहुंचे हैं।