बाबरी मस्जिद विध्वंसः बिहार में चुनाव, देश भर की 56 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, भगवा दल खुश, अभियान की धार को तेज करने में जुटी

By भाषा | Published: September 30, 2020 07:14 PM2020-09-30T19:14:19+5:302020-09-30T19:14:19+5:30

अदालत की ओर से भाजपा के लिए इस भावनात्मक मुद्दे पर फैसला ऐसे समय में आया है जब वह बिहार विधानसभा चुनाव के साथ एक लोकसभा और देश भर की 56 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर वह अपने अभियान की धार को तेज करने में जुटी है।

babri masjid demolition case verdict Elections Bihar by-elections in 56 assembly seats across country saffron party happy | बाबरी मस्जिद विध्वंसः बिहार में चुनाव, देश भर की 56 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, भगवा दल खुश, अभियान की धार को तेज करने में जुटी

अयोध्या में विवादित भूमि को मंदिर निर्माण की पक्षधर पार्टियों के हवाले करने का फैसला सुनाते हुए इस घटना को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी। (file photo)

Highlightsभाजपा के नेताओं और हिन्दूत्ववादी कार्यकर्ताओं को बरी किए जाने का फैसला भगवा दल को प्रोत्साहित करने वाला है।बात पर जोर रहा है कि अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया जाना अकस्मात घटना थी और उसके पीछे कोई षड्यंत्र नहीं था। अयोध्या, बाबरी मस्जिद और राम मंदिर निर्माण का मुद्दा हमेशा से देश की राजनीति के चर्चा के केंद्र में रहा है और भाजपा को इसका लाभ भी मिला है।

नई दिल्लीः बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा सभी 32 आरोपियों में शामिल भाजपा के नेताओं और हिन्दूत्ववादी कार्यकर्ताओं को बरी किए जाने का फैसला भगवा दल को प्रोत्साहित करने वाला है।

क्योंकि उसके नेताओं का हमेशा इसी बात पर जोर रहा है कि अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया जाना अकस्मात घटना थी और उसके पीछे कोई षड्यंत्र नहीं था। अदालत की ओर से भाजपा के लिए इस भावनात्मक मुद्दे पर फैसला ऐसे समय में आया है जब वह बिहार विधानसभा चुनाव के साथ एक लोकसभा और देश भर की 56 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर वह अपने अभियान की धार को तेज करने में जुटी है।

अयोध्या, बाबरी मस्जिद और राम मंदिर निर्माण का मुद्दा हमेशा से देश की राजनीति के चर्चा के केंद्र में रहा है और भाजपा को इसका लाभ भी मिला है। सीबीआई की विशेष अदालत का यह फैसला भाजपा को रामजन्मभूमि आंदोलन के सबसे विवादास्पद पहलू से संबंधित किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी से मुक्त करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल अयोध्या में विवादित भूमि को मंदिर निर्माण की पक्षधर पार्टियों के हवाले करने का फैसला सुनाते हुए इस घटना को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी।

उमा भारती और विनय कटियार सहित सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया

छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में 28 साल बाद बुधवार को भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती और विनय कटियार सहित सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया।

अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले। आरोपियों में साध्वी ऋतम्भरा,चंपत राय और महंत नृत्य गोपाल दास भी थे। ये सभी आंदोलन का हिस्सा थे। गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।

भाजपा जहां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की सफलता को अपनाएगी

यह फैसला सुनिश्चित करेगा कि भाजपा जहां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की सफलता को अपनाएगी वहीं वह मस्जिद ध्वस्त करने के मामले में खुद को कानूनी रूप से अलग कर सकेगी। इसके साथ ही अब विपक्षी दलों के हाथों से वह हथियार भी छिन गया है जिसमें वह मस्जिद ढहाए जाने को लेकर भाजपा को जिम्मेवार ठहराती रही है। यह रामजन्मभूमि आंदोलन और आडवाणी की 1990 की रथ यात्रा ही थी जिसने विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने के लिए जनता को एकजुट करने का काम किया।

इसी सब से यह मामला राजनीति के केंद्र में आया और फिर इसने भाजपा को केंद्र की राजनीति में कांग्रेस के विकल्प के तौर पर स्थापित करने में मदद की। आंदोलन के हिस्से के रूप में बड़ी संख्या में कार सेवकों को विवादित स्थल पर बुलाया गया था, जिसके बाद यह ढांचा गिराया गया था।

आडवाणी ने ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया और अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘‘रामजन्मभूमि आंदोलन’’ को लेकर उनकी निजी और भाजपा की प्रतिबद्धता को साबित करता है। आडवाणी इस मामले के 32 आरोपियों में एक और रामजन्मभूमि आंदोलन के अगुवा थे। राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा शुरू की थी। आडवाणी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘विशेष अदालत का आज का जो निर्णय हुआ है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है और वह हम सबके लिए खुशी का प्रसंग है। जब हमने अदालत का निर्णय सुना तो हमने जय श्री राम का नारा लगाकर इसका स्वागत किया।’’ बाद में एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, ‘‘यह रामजन्मभूमि आंदोलन को लेकर उनकी निजी और भाजपा की प्रतिबद्धता को साबित करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं धन्य महसूस करता हूं कि यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के नवंबर 2019 के ऐतिहासिक फैसले के पदचिह्नों पर है जिसने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मेरे सपने का मार्ग प्रशस्त किया, जिसका शिलान्यास पांच अगस्त 2020 को किया गया।’’

भाजपा के एक नेता ने कहा कि आज के फैसले से यह साबित हो गया है कि रामजन्मभूमि आंदोलन अपने पीछे एक ऐसी गौरवपूर्ण विरासत छोड़ गया है, जिसमें उसे रक्षात्मक होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सीबीआई चाहे तो इस मामले में वह उच्च अदालत में अपील कर सकती है लेकिन इसकी संभावना कम ही दिख रही है। भाजपा नेताओं ने अदालत के फैसले को सत्य और न्याय की जीत बताते हुए स्वागत किया है। 

Web Title: babri masjid demolition case verdict Elections Bihar by-elections in 56 assembly seats across country saffron party happy

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