बाबरी विध्वंस केसः अदालत का फैसला बिल्कुल गलत, जफरयाब जिलानी बोले- हाईकोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष

By भाषा | Published: September 30, 2020 03:59 PM2020-09-30T15:59:29+5:302020-09-30T15:59:29+5:30

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य एवं अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने कहा, ‘‘विशेष सीबीआई अदालत का फैसला बिल्कुल गलत है। अदालत ने सबूतों को नजरअंदाज करते हुए यह निर्णय दिया है। मुस्लिम पक्ष इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देगा।’’

babri masjid demolition case verdict case Court verdict absolutely wrong Zafaryab Jilani High court go to Muslim side | बाबरी विध्वंस केसः अदालत का फैसला बिल्कुल गलत, जफरयाब जिलानी बोले- हाईकोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष

लालकृष्ण आडवाणी और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ तो 153—ए और बी के सीधे सबूत हैं, फिर भी उन्हें बरी कर दिया गया। (file photo)

Highlightsइस मामले में दर्जनों गवाहों के बयान हैं। आपराधिक मामलों में गवाहों के बयान सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।सभी 32 अभियुक्तों को बरी किये जाने के फैसले को गलत बताते हुए कहा कि इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।बयान में कहा था कि मामले में आरोपी बनाये गये लोग मंच पर बैठे थे और भड़काऊ भाषण किये जा रहे थे।

लखनऊः आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य एवं अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा बुधवार को सभी 32 अभियुक्तों को बरी किये जाने के फैसले को गलत बताते हुए कहा कि इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।

जिलानी ने कहा, ‘‘विशेष सीबीआई अदालत का फैसला बिल्कुल गलत है। अदालत ने सबूतों को नजरअंदाज करते हुए यह निर्णय दिया है। मुस्लिम पक्ष इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देगा।’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में दर्जनों गवाहों के बयान हैं। आपराधिक मामलों में गवाहों के बयान सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।

गवाहों में आईपीएस अफसर और पत्रकार भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने बयान में कहा था कि मामले में आरोपी बनाये गये लोग मंच पर बैठे थे और भड़काऊ भाषण किये जा रहे थे। जब वहां गुम्बद गिरा तो खुशियां मनायी जा रही थीं, मिठाइयां बंट रही थीं और अदालत कह रही है कि कोई साजिश नहीं थी। पूर्व अपर महाधिवक्ता ने कहा कि पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ तो 153—ए और बी के सीधे सबूत हैं, फिर भी उन्हें बरी कर दिया गया।

सीबीआई अदालत का यह निर्णय कानून के खिलाफ है। यह पूछे जाने पर कि अभी तक यह मुकदमा सीबीआई लड़ती आयी है, ऐसे में मुस्लिम पक्ष किस हैसियत से अपील करेगा तो जिलानी ने कहा, ‘‘सीबीआई को भी अपील करनी चाहिये, मगर दंड प्रक्रिया संहिता में पीड़ित और गवाह को भी अपील का अधिकार दिया गया है। हम तो पीड़ित हैं। हमारे कुछ लोग इसमें गवाह भी थे। मैं खुद भी गवाह था।’’

उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से पीड़ित और गवाह दोनों ही इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। इनमें पीड़ित के तौर हाजी महबूब और हाफिज अखलाक अपील करेंगे। बाकी कौन—कौन लोग होंगे, इस बारे में मशविरा करके फैसला लिया जाएगा। अगर राय बनी तो खुद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी पक्षकार बनेगा। इस सवाल पर कि क्या इस मुद्दे पर बोर्ड की बैठक बुलायी जाएगी, जिलानी ने कहा कि बोर्ड तो पहले ही मामले की पैरवी कर रहा था, लिहाजा बैठक बुलाने की जरूरत नहीं होगी। 

Web Title: babri masjid demolition case verdict case Court verdict absolutely wrong Zafaryab Jilani High court go to Muslim side

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