बाबा रामदेव को लगा बड़ा झटका, पतंजलि पर लगा 75 करोड़ का जुर्माना, जानें क्या है आरोप
By पल्लवी कुमारी | Published: March 17, 2020 05:07 PM2020-03-17T17:07:26+5:302020-03-17T17:07:26+5:30
National Anti-Profiteering Authority (NAA) ने कहा है कि जीएसटी पहले 28 से 18 फीसदी और फिर नवंबर 2017 में 18 से 12 फीसदी कर दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी पतंजलि ने अपने ग्राहकों को इसका फायदा नहीं दिया।
नई दिल्ली: बाबा रामदेव के संरक्षण वाले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को बड़ा झटका लगा है। पतंजलि पर नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) ने 75.08 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने कहा है कि वाशिंग पाउडर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कटौती के बावजूद पतंजलि ने उसके दाम बढ़ा दिए थे और इस कटौती का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया। पतंजलि को 75.08 करोड़ रुपये जुर्माने के साथ 18 फीसदी जीएसटी की राशि को केंद्र और राज्य सरकारों के उपभोक्ता कल्याण फंड में जमा करना होगा।
बिजनेस टूडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एनएए ने कहा, 'सेंट्रल जीएसटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए पतंजलि ने टैक्स में कटौती का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया। इसलिए उन्हें एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
एनएए ने कहा है कि जीएसटी पहले 28 से 18 फीसदी और फिर नवंबर 2017 में 18 से 12 फीसदी कर दिया गया था। लेकिन इसके बाद भी पतंजलि ने अपने ग्राहकों को इसका फायदा नहीं दिया।
पतंजलि ने जुर्माने पर क्या कहा?
पतंजलि ने तर्क दिया है कि वे पूर्व जीएसटी शासन की तुलना में दर में वृद्धि की लागत से ऊब गए थे और उपभोक्ताओं पर बढ़ी हुई कीमतों की लागत को पारित नहीं किया था। उन्होंने कहा कि जीएसटी पहले के दौर की तुलना में लागत काफी बढ़ गई थी, लेकिन उन्होंने ग्राहकों पर इस बढ़ी लागत का कोई बोझ नहीं डाला था। लेकिन एनएए ने पतंजलि के इस तर्क को स्वीकार नहीं किया।
एनएए ने इस आधार पर इसे स्वीकार नहीं किया कि पतंजलि ने कीमतों में वृद्धि नहीं करने के लिए एक व्यावसायिक कॉल किया और यह उपभोक्ताओं को जीएसटी में कटौती का लाभ नहीं देने का एक कारण नहीं हो सकता है। एनएए ने पतंजलि के एक अन्य तर्क को खारिज कर दिया, जो यह था कि एनएए द्वारा की गई जांच देश में कारोबार करने के पतंजलि के अधिकार का उल्लंघन है।