दूसरी जेल में शिफ्ट हुए आजम खां, बोले- पूरा मुल्क जानता है मेरे साथ क्या हो रहा है
By भाषा | Published: February 27, 2020 11:45 AM2020-02-27T11:45:05+5:302020-02-27T11:45:05+5:30
अदालत ने गत 24 फरवरी को आजम खां परिवार की अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी और उनकी सम्पत्ति की कुर्की का आदेश देते हुए गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
रामपुर से समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान, उनकी विधायक पत्नी और बेटे को गुरुवार सुबह सीतापुर जिला जेल स्थानांतरित कर दिया गया। जेल के सूत्रों ने बताया कि आजम, उनके बेटे तथा पत्नी को आज अलसुबह सीतापुर जेल स्थानांतरित कर दिया गया। वे मामले की अगली सुनवाई यानी दो मार्च तक सीतापुर जेल में ही रहेंगे। रामपुर की एक अदालत ने बुधवार को रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम, रामपुर सदर सीट से विधायक उनकी पत्नी तजीन फातिमा और स्वार सीट से सपा विधायक उनके पुत्र अब्दुल्ला को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में दो मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए थे।
आजम ने यहां संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि पूरा मुल्क जानता है कि उनके साथ क्या हो रहा है। सीतापुर जेल स्थानांतरित किए जाने की वजह के बारे में पूछे जाने पर आजम ने कहा कि यह सरकार का फैसला है। आजम, उनकी पत्नी तजीन और पुत्र अब्दुल्ला ने अपर जिला न्यायाधीश—6 (एमपी, एमएलए) धीरेन्द्र कुमार की अदालत में बुधवार को समर्पण किया था जहां से तीनों को दो मार्च तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। अदालत ने गत 24 फरवरी को आजम खां परिवार की अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी और उनकी सम्पत्ति की कुर्की का आदेश देते हुए गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
गौरतलब है कि विशेष कोर्ट ने गत मंगलवार को तीनों के कुर्की वारंट के साथ ही गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए थे। भाजपा के स्थानीय नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल दर्ज कराये गये मामले में अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाये जाने का आरोप लगाया था। एक प्रमाण पत्र रामपुर से तो दूसरा लखनऊ से जारी किया गया है। जांच में आरोप सही पाये गये। रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 लिखी है। वहीं दूसरे प्रमाणपत्र में उनका जन्मस्थान लखनऊ दिखाया गया है और उनकी जन्मतिथि 30 सितम्बर 1990 लिखी है।
आरोप है कि आजम और उनकी पत्नी तजीन ने साजिश करके अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाये। अदालत ने इस मामले में पेश होने के लिये कई बार समन जारी किये लेकिन आजम खां और उनका परिवार हाजिर नहीं हुआ। उसके बाद अदालत ने कुर्की और गैरजमानती वारंट जारी किया था।