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आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज नहीं करा सकेंगे मोतियाबिंद और नसबंदी का इलाज, समिति ने की सिफारिश

By भाषा | Updated: September 14, 2019 06:07 IST

सूत्रों ने बताया कि आयुष्मान भारत को लागू करने वाले शीर्ष निकाय राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना के तहत कवर 1,392 बीमारियों एवं जांच के लिए शुल्क की समीक्षा की है ताकि इसे शब्दावली, प्रशासन और कीमत के स्तर पर तर्कसंगत बनाया जा सके।

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ठळक मुद्देआयुष्मान भारत योजना के तहत बीमित बीमारियों और जांच की संशोधित मूल्य सूची 23 सितंबर को योजना के एक साल पूरे होने के अवसर पर घोषित की जा सकती है। मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए लागू आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 39 लाख लोगों का इलाज किया गया है।

विशेषज्ञ समिति ने आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से मोतियाबिंद सर्जरी और नसबंदी का इलाज हटाने की सिफारिश की है। नीति आयोग के सदस्य विनोद के पॉल की अध्यक्षता वाली समिति ने अलग समिति भी बनाने की सिफारिश की है जो सुनिश्चित करे कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सेवाओं का एक दूसरे में हस्तक्षेप न हो और दोहराव रोकने की व्यवस्था बनाए। हालांकि, मोतियाबिंद सर्जरी और नसबंदी को योजना से हटाने पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘ पैनल के मुताबिक पहले ही इन बीमारियों का इलाज राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत होता है। इसलिए दोहराव रोकने और फर्जीवाड़े से बचने के लिए इन्हें बीमा पैकेज से हटाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ समीक्षा के दौरान हमें दोहराव का शक हुआ क्योंकि हमने पाया कि राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत इलाज कराने वालों की सूची में जिन मरीजों के नाम थे उन्होंने ही आयुष्मान योजना के तहत भी इलाज के लिए आवेदन किया।’’ मोतायाबिंद ऑपरेशन के लिए जिन लोगों ने बीमा योजना के तहत दावा किया था उन्हें पहले ही केंद्र प्रायोजित अंधता एवं दृश्य हानि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वित्त पोषित किया जा चुका था। वहीं नसबंदी के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत मदद दी जाती है।सूत्रों ने बताया कि आयुष्मान भारत को लागू करने वाले शीर्ष निकाय राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना के तहत कवर 1,392 बीमारियों एवं जांच के लिए शुल्क की समीक्षा की है ताकि इसे शब्दावली, प्रशासन और कीमत के स्तर पर तर्कसंगत बनाया जा सके। इसके अलावा कैंसर देखभाल को अद्यतन किया गया है और प्रतिपूर्ति दवा के आधार पर होगी न कि कैंसर के प्रकार के आधार पर। सूत्रों ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमित बीमारियों और जांच की संशोधित मूल्य सूची 23 सितंबर को योजना के एक साल पूरे होने के अवसर पर घोषित की जा सकती है।उल्लेखनीय है कि मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए लागू आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 39 लाख लोगों का इलाज किया गया है और उन्हें 12,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। मौजूदा समय में 18,000 अस्पताल आयुष्मान योजना के पैनल में हैं या इसकी प्रक्रिया में है। आयुष्मान भारत के एक साल पूरे होने पर 23 सितंबर को देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 

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