अयोध्या पर फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा, 'हम राम मंदिर के पक्ष में, बीजेपी के लिए इस मामले पर राजनीति करने के दरवाजे बंद'
By विनीत कुमार | Published: November 9, 2019 12:27 PM2019-11-09T12:27:02+5:302019-11-09T12:28:43+5:30
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या मामले पर फैसला आया है और इसका स्वागत करते हैं।'
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है। कांग्रेस ने कहा है कि इस फैसले से न केवल मंदिर निर्माणा के रास्ते खुले हैं बल्कि इसने बीजेपी और दूसरों के लिए इस मुद्दे पर राजनीति करने के रास्ते को भी बंद कर दिया है। फैसला आने के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ये बातें कही।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पत्रकारों के इस सवाल पर कि क्या राम मंदिर अयोध्या में बनना चाहिए, सुरजेवाला ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ चुका है। स्वभाविक तौर पर आपके सवाल का जवाब हां में है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।'
Randeep Surjewala, Congress on #AyodhyaVerdict: Supreme Court's verdict has come, we are in favour of the construction of Ram Temple. This judgement not only opened the doors for the temple's construction but also closed the doors for BJP and others to politicise the issue. pic.twitter.com/N1qr6FD1We
— ANI (@ANI) November 9, 2019
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुये केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाये। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया।
चीफ जस्टिस ने कहा कि मस्जिद का निर्माण ‘प्रमुख स्थल’ पर किया जाना चाहिए और सरकार को उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करना चाहिए जिसके प्रति अधिकांश हिन्दुओं का मानना है कि भगवान राम का जन्म वहीं पर हुआ था। इस स्थान पर 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था।
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनंजय वाई चन्द्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल थे। पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा।