Ayodhya verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ इस दिन पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा AIMPLB
By स्वाति सिंह | Published: December 2, 2019 04:06 PM2019-12-02T16:06:07+5:302019-12-02T16:06:07+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मत फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि नई मस्जिद के निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए।
देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद और ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने का फैसला किया। जफरयाब जिलानी ने कहा 'हमने समीक्षा याचिका तैयार कर ली है और हम इसे 9 दिसंबर से पहले किसी भी दिन दायर कर सकते हैं।
उधर, अयोध्या फैसले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (02 दिसंबर) को पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। यह पुनर्विचार याचिका मौलाना अशहद रशीदी ने दायर की है। बता दें, जमीयत की कार्यकारी समिति ने 14 नवंबर को पांच सदस्यों का एक पैनल गठित किया था जिसमें कानूनी विशेषज्ञ और धार्मिक मामलों के विद्वानों को शामिल किया गया था। इस समिति का गठन उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर के फैसले के प्रत्येक पहलू को देखने के लिए किया गया था।
जमीयत मेंबर अरशद मदनी की अगुवाई में इस पैनल ने शीर्ष अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका की संभावनाओं का अध्ययन किया और सिफारिश की इस मामले में समीक्षा याचिका दायर की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में संपूर्ण 2.77 एकड़ विवादित भूमि को रामलला विराजमान को सौंपने का आदेश दिया है। पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने केंद्र को अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का भी निर्देश दिया है। जमीयत बल्कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा कि नौ दिसंबर से पहले एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दायर करने के पक्ष में नहीं है।
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB): We are not going to file the review petition (in the Ayodhya case) before Supreme Court today. We have prepared the review petition and we can do it any day before 9th December. pic.twitter.com/wrujXqrQUc
— ANI (@ANI) December 2, 2019
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का निपटारा कर दिया। दूसरी ओर अयोध्या भूमि विवाद मामले के मुख्य वादी इकबाल अंसारी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की कवायद से दूरी बनाई।
एआईएमपीएलबी ने अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने और बाबरी मस्जिद के बदले किसी और जगह जमीन न लेने का फैसला किया है। बोर्ड के सचिव जफरयाब जीलानी ने रविवार को यहां हुई बोर्ड की वर्किंग कमेटी की आपात बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि अयोध्या मामले पर गत नौ नवम्बर को दिये गये उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल की जाएगी।