अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कब्रगाह पर होगा!, 9 लोगों ने ट्रस्ट को पत्र लिखकर कही ये बात, जानें पूरा मामला
By अनुराग आनंद | Published: February 18, 2020 08:34 AM2020-02-18T08:34:03+5:302020-02-18T08:34:29+5:30
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने के कुछ माह बाद ही नरेंद्र मोदी सरकार ने "राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" ट्रस्ट का गठन किया है, जिसकी पहली बैठक नई दिल्ली में 19 फरवरी को होनी है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने "राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" ट्रस्ट का गठन किया है, जिसकी पहली बैठक नई दिल्ली में 19 फरवरी को होनी है।
इस बैठक में ट्रस्ट कमेटी मंदिर निर्माण को शुरू करने के दिन को लेकर फैसला कर सकती है। लेकिन, इस बैठक से पहले ही एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इस खबर के मुताबिक अयोध्या के ही 9 लोगों ने "राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" ट्रस्ट को पत्र लिखकर एक नई जानकारी देते हुए आवंटित भूमि पर मंदिर निर्माण को रोकने की बात कही है। इस पत्र को मंदिर निर्माण की राह में एक रोड़े के तौर पर देखा जा रहा है।
यह है पूरा मामला
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई कमेटी को अयोध्या के निवासी हाज़ी मोहम्मद सहित 9 लोगों ने पत्र लिखा है। अपने लिखे इस पत्र में उन सभी ने कहा है कि 67 एकड़ जमीन जो केंद्र सरकार ने अयोध्या एक्ट के तहत ली थी और अब उसे ट्रस्ट को दे दिया गया है उसमें 4/5 एकड़ में कब्रगाह भी है। ट्रस्ट के सदस्यों से अनुरोध है कि इस बात पर विचार करें कि क्या मंदिर का निर्माण कब्रगाह पर हो सकता है?
इसके साथ ही पत्र में साफ-साफ कहा गया है कि आज की तारीख में भले ही वहां कब्र न दिखाई दे, लेकिन वह कब्रगाह है। सन 1949 से 1992 तक उस जगह का दूसरे तरह से इस्तेमाल हो रहा था. आप "सनातम" धर्म के ज्ञाता हैं, आप इस पर विचार करें।
ट्रस्ट के पास आने लगा संपत्ति
बैठक से से पहले ट्रस्ट के पास पुराने दान की रकम और चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा आने लगा है। नवगठित ट्रस्ट को अकूत संपत्ति मिलेगी. जल्द ही 70 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति ट्रस्ट के नाम होगी। आपको बता दें कि राम जन्मभूमि न्यास की लगभग 55 करोड़ मूल्य की संपत्ति भी ट्रस्ट के नाम पर ट्रांसफर होगी।