अयोध्या विवाद पर 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच करेगी सुनवाई, जानें किस ने क्या-क्या कहा?
By पल्लवी कुमारी | Published: January 4, 2019 09:42 AM2019-01-04T09:42:10+5:302019-01-04T13:56:13+5:30
राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले पर आज( 4 जनवरी 2019) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में उस पीआईएल पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें मामले में देरी पर सवाल उठाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा गठित एक उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, ‘‘एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी।’’
सुनवाई के लिए मामला सामने आते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला है और इसपर आदेश पारित किया। अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला। मामले की सुनवाई 60 सेकेंड भी नहीं चली।
LIVE UPDATE: राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद
- राहुल गांधी ने राम मंदिर पर कहा- इस मुद्दे पर कुछ भी अभी बोला नहीं जा सकता क्योंकि ये मामला कोर्ट के विचाराधीन है।
- फारूक अब्दुल्ला ने कहा- राम मंदिर बना तो मैं ईंट लगाने जाऊंगा। उन्होंने ये भी कहा कि ये मामला कोर्ट में भी ले जाने की जरूरत नहीं थी।
Farooq Abdullah: This(Ayodhya) issue should be discussed and sorted out across the table between people. Why to drag the issue to the Court? I am sure it can be resolved through dialogue. Lord Ram belongs to the whole world, not just Hindus. pic.twitter.com/XDOCXNCDER
— ANI (@ANI) January 4, 2019
- महंत परमहंस दास का ने कहा- मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को लेकर गंभीर है। 10 जनवरी से वह इस पर अच्छी तरह से सुनवाई करेंगे।
- हिन्दू महासभा के नंदकिशोर मिश्रा के अनुसार, हम कछुए की चाल से चल रहे हैं। अब हम लोग ज्यादा देर इंतजार नहीं करेंगे।
-महंत राजू दास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ये हिन्दुओं की भावनाओं से खिलवाड़ है। राजनीतिक पार्टी जनता के साथ धोखा कर रही है।
- गरीब नवाज फाउंडेशन के अंसार रजा ने फैसले के बात कहा कि बीजेपी में बड़ा उतावलापन रहता है लेकिन राम मंदिर पर ये लोग ऐसा उतावलापन क्यों नहीं दिखाते? उन्होंने कहा कि जैसा उतावलापन तीन तलाक पर दिखाया वैसा राम मंदिर पर क्यों नहीं है?
- वकील हरिनाथ राम की जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया गया है। जिसमें राम मंदिर मामले पर त्वरित और रोजाना सुनवाई की बात की गई थी।
Supreme Court also dismissed a PIL seeking to hear the Ayodhya matter on urgent and day to day basis. The PIL was filed by an advocate Harinath Ram in November 2018. pic.twitter.com/eHK9N1Rr8H
— ANI (@ANI) January 4, 2019
- फैसले के बाद कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा- राम मंदिर मामले पर कोर्ट का फैसला मंजूर किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का कोई भी फैसला हमें मंजूर है।
- इकबार अंसारी ने कहा- पीएम मोदी ने बिल्कुल ठीक कहा है, राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं लाना चाहिए। कोर्ट से ही सारे मामले का समाधान होना चाहिए।
- नई बेंच के बारे में छह या सात जनवरी को पता चल सकता है।
- सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई सिर्फ एक मिनट यानी 60 सेकेंड के लिए चली। जिसमें 10 जनवरी तक के लिए फैसला टाल दिया गया है। किसी भी पक्ष से आज सुप्रीम कोर्ट में कोई बहस नहीं हुई है।
Ayodhya case: The hearing which continued for 60 seconds, did not see any arguments from either side https://t.co/r1zkutnjuQ
— ANI (@ANI) January 4, 2019
- मामले की सुनवाई 10 जनवरी तक टली। 10 जनवरी को मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन होगा।
Supreme Court hearing on January 10th on the Constitution of a bench to hear the Ayodhya matter pic.twitter.com/1593lBReKC
— ANI (@ANI) January 4, 2019
- सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर पर थोड़े में देर में सुनवाई शुरू होने वाली है।
- मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ करेंगे।
जानें राम मंदिर पर किस किस ने क्या कहा...
राम मंदिर पर पीएम मोदी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 के पहले इंटरव्यू में कई मसलों पर बात की। जिसमें राम मंदिर भी शामिल था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर अध्यादेश लाने पर कोई भी फैसला न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही हो सकता है लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के वास्ते हरसंभव कोशिश करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कई टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित किए गए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘न्यायिक प्रक्रिया को अपना काम करने दें। इसे राजनीतिक दृष्टि से ना तोलें। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने दें। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार के तौर पर हमारी जो भी जिम्मेदारी होगी उसके लिए हम हरसंभव कोशिश करने के लिए तैयार हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘बम और बंदूक के शोर में बातचीत नही सुनी जा सकती। आतंकवाद का समर्थन करने वाला पाकिस्तान आज अलग-थलग पड़ गया है।’’
आरएसएस राम मंदिर पर
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार को कहा कि लोगों को उम्मीद है कि मोदी सरकार राम मंदिर का निर्माण कराने के वादे को अपने कार्यकाल में पूरा करेगी क्योंकि भाजपा इसके लिए हर संभव कोशिश करने का वादा कर 2014 में सत्ता में आई थी।
संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की यह प्रतिक्रिया राम मंदिर पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद आई है। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने पर ही राम मंदिर निर्माण के सिलसिले में सरकार कोई कदम उठाएगी।
शिवसेना राम मंदिर पर
शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘‘भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं’’ क्योंकि उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए किसी अध्यादेश पर निर्णय न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही करेगी।
शिवसेना भाजपा की सहयोगी पार्टी है और उसने अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है। उसने दलील दी है कि मामला दशकों से अदालतों में चल रहा है।
राम मंदिर मामले पर कांग्रेस का पलटवार
राम मंदिर मामले में अध्यादेश से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को कटाक्ष किया और कहा कि यह बात साफ हो गयी है कि मोदी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की बात नहीं मानते।
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अपनी आज की टिप्पणी से अयोध्या मामले को लेकर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'हमारा ये मानना है कि राम मंदिर मुद्दे पर जो निर्णय न्यायालय से आएगा, वह सब पक्षों को मानना चाहिए और सरकार को उसको लागू करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
मंत्री उमा भारती राम मंदिर पर
केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने रविवार को कहा कि यदि प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के रहते अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का रास्ता न निकले तो देश के लोगों को धक्का लगेगा।
(समाचार ऐजेंसी भाषा इनपुट के साथ)