अयोध्या जमीन घोटाला: यूपी सरकार ने जांच के आदेश दिए, एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट, मंदिर फैसले के बाद विधायक से लेकर नौकरशाहों ने खरीदी जमीन

By विशाल कुमार | Published: December 23, 2021 07:43 AM2021-12-23T07:43:44+5:302021-12-23T07:48:08+5:30

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अखबार की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. उनके निर्देश पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को जांच करने को कहा गया है।

ayodhya land scam up-govt-orders-probe-ram-temple supreme court order | अयोध्या जमीन घोटाला: यूपी सरकार ने जांच के आदेश दिए, एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट, मंदिर फैसले के बाद विधायक से लेकर नौकरशाहों ने खरीदी जमीन

अयोध्या जमीन घोटाला: यूपी सरकार ने जांच के आदेश दिए, एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट, मंदिर फैसले के बाद विधायक से लेकर नौकरशाहों ने खरीदी जमीन

Highlightsअयोध्या में जमीन के 15 खरीदारों में विधायक, नौकरशाह और राजस्व अधिकारी शामिल हैं।मुख्यमंत्री ने लेन-देन की जांच का आदेश दिया और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी।राजस्व विभाग के विशेष सचिव राधेश्याम मिश्रा को जांच करने के लिए कहा गया है।

लखनऊ: इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह सामने आने के बाद कि 9 नवंबर, 2019 के बाद राज्य सरकार के अधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों ने अयोध्या में जमीन खरीदे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लेन-देन की जांच का आदेश दिया और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी।

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) मनोज कुमार सिंह ने अखबार से इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अगले 5-7 दिनों में संबंधित दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट मांगी है।

उन्होंने कहा कि अखबार की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. उनके निर्देश पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को जांच करने को कहा गया है। एक अधिकारी ने कहा कि राजस्व विभाग के विशेष सचिव राधेश्याम मिश्रा को जांच करने के लिए कहा गया है।

जमीन के रिकॉर्ड्स की जांच में पाया गया है कि अयोध्या में जमीन के कम से कम 15 खरीदारों में स्थानीय विधायक, नौकरशाहों (पूर्व या मौजूदा) के करीबी रिश्तेदार और जमीन के लेन-देन को प्रमाणित करने वाले स्थानीय राजस्व अधिकारी शामिल हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, 15 व्यक्तियों द्वारा खरीदी गई कुल भूमि 70,826 वर्ग मीटर यानी लगभग 17 एकड़ है।

कम से कम पांच मामलों में हितों के टकराव का मामला बनता है क्योंकि जिस महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट (एमआरवीटी) ने दलित ग्रामीणों से जमीन खरीदी उन्हीं अधिकारियों के रिश्तेदारों ने वह जमीन खरीद ली और यह मामला पहले से ही जांच के घेरे में है।

ऐसे तीन अधिकारी अयोध्या के विभागीय आयुक्त एमपी अग्रवाल, सितंबर, 2021 तक अयोध्या के मुख्य राजस्व अधिकारी रहे पुरुषोत्तम दास गुप्ता, मार्च, 2021 तक अयोध्या में डिप्टी डीआईजी रहे दीपक कुमार हैं। इनके करीबी रिश्तेदारों ने एमआरवीटी से जमीनें खरीदी हैं।

एमआरवीटी ने एक दर्जन दलित परिवारों से 21 बीघा (करीब 52,000 वर्ग मीटर) का अधिग्रहण किया था। मौजूदा सर्किल रेट पर इसकी कीमत 4.25 करोड़ रुपये से 9.58 करोड़ रुपये के बीच है।

बाकी के 12 जनप्रतिनिधि और अधिकारियों में अयोध्या के गोसाईंगंज से विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, रिटायर आईएएस अधिकारी उमाधर द्विवेदी, अयोध्या से विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, अयोध्या के पूर्व एसडीएम आयुष चौधरी, अयोध्या के पुलिस क्षेत्राधिकारी अरविंद चौरसिया, राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन साही, प्रदेश ओबीसी आयोग के सदस्य बलराम मौर्या, गांजा गांव के लेखपाल (जमीन के लेन-देन का प्रमाणित करने वाले अधिकारी) बद्री उपाध्याय, गांजा गांव के कानूनगो (लेखपाल का काम देखने वाले) सुधांशू रंजनऔर एमआरवीटी के खिलाफ मामले की सुनवाई करने वाले असिस्टेंट रिकॉर्ड अधिकारी भान सिंह के पेशकार दिनेश ओझा शामिल हैं जिन्होंने खुद या उनके करीबी रिश्तेदारों ने ये जमीनें खरीदी हैं।

Web Title: ayodhya land scam up-govt-orders-probe-ram-temple supreme court order

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