अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद की जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहे मामले में शीर्ष अदालत ने 29 जनवरी 2019 को होने वाली सुनवाई टाल दी थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई की तारीख 26 फरवरी 2019 तय की है।
यह सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक बेंच के द्वारा की जाएगी। इससे पहले सुनवाई की तारीख 29 जनवरी रखी गई थी लेकिन जस्टिस एस ए बोबडे की गैर-मौजूदगी के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई को टाल दिया था। इसकी वजह से साधु-संतों और कई हिंदू संगठनों द्वारा काफी विरोध किया था।
5 जजों में ये हैं शामिल
अयोध्या विवाद की सुनवाई करने वाली 5 जजों की बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल होंगे। जस्टिस यू यू ललित ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था। उनकी जगह जस्टिस अब्दुल नजीर को बेंच में शामिल किया गया था।
14 अपीलें की गई थी दायर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में अयोध्या की 2.77 एकड़ विवादित भूमि सुन्नी बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लता विराजमान के बीच बराबर बांटने का आदेश दिया था। इस मामले में 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 14 अपीलें दायर की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मई, 2011 को स्टे का ऑर्डर दे दिया था।