अयोध्या मामलाः कांग्रेस ने कहा- माननीय अदालत में जो प्रश्न विचाराधीन है वह कोर्ट के ऊपर छोड़ा जाना चाहिए

By भाषा | Published: October 16, 2019 07:59 PM2019-10-16T19:59:21+5:302019-10-16T19:59:53+5:30

गौरतलब है कि अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई पूरी हो गई है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Ayodhya case: Congress said - the question under consideration in the honorable court should be left over the court | अयोध्या मामलाः कांग्रेस ने कहा- माननीय अदालत में जो प्रश्न विचाराधीन है वह कोर्ट के ऊपर छोड़ा जाना चाहिए

इस भूमि का स्वरूप देवता का और एक ‘न्यायिक व्यक्ति’ जैसा है।

Highlightsन्यायमूर्ति गोगोई अगले महीने 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं, ऐसे में उससे पहले इस ऐतिहासिक मामले में फैसला आ सकता है। पार्टी प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा,‘‘माननीय अदालत में जो प्रश्न विचाराधीन है वह अदालत के ऊपर छोड़ा जाना चाहिए।

कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय के अयोध्या मामले पर फैसला सुरक्षित रखने पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं करते हुए बुधवार को कहा कि यह मामला शीर्ष अदालत के विचाराधीन है और फैसला उसी पर छोड़ देना चाहिए।

पार्टी प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा,‘‘माननीय अदालत में जो प्रश्न विचाराधीन है वह अदालत के ऊपर छोड़ा जाना चाहिए।'' गौरतलब है कि अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई पूरी हो गई है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

न्यायमूर्ति गोगोई अगले महीने 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं, ऐसे में उससे पहले इस ऐतिहासिक मामले में फैसला आ सकता है। 

‘राम लला विराजमान’ की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश देवकी नंदन अग्रवाल और जन्म भूमि ने 1989 में मुकदमा दायर कर समूची संपत्ति पर अपना दावा किया और कहा कि इस भूमि का स्वरूप देवता का और एक ‘न्यायिक व्यक्ति’ जैसा है।

अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने की घटना और इसे लेकर देश में हुये सांप्रदायिक दंगों के बाद में सारे मुकदमे इलाहाबाद उच्च न्यायालय को निर्णय के लिये सौंप दिये गये थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 30 सितंबर, 2010 के फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बांटने के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी थी। शीर्ष अदालत ने मई 2011 में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुये अयोध्या में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था।

 

Web Title: Ayodhya case: Congress said - the question under consideration in the honorable court should be left over the court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे