भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की इन उपलब्धियों ने देश को दी रफ्तार, जिन्हें हर कोई रखेगा याद
By रामदीप मिश्रा | Published: August 16, 2018 07:21 PM2018-08-16T19:21:51+5:302018-08-16T19:21:51+5:30
Atal Bihari Vajpayee achievements as India's Prime Minister: 25 दिसंबर 1924 में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी अपने उसूलों से कभी पीछे नहीं हटे। इसी का नतीजा रहा है कि उन्होंने देश को कई ऐसी चीजें दी हैं जिन्हें भारत के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।
नई दिल्ली, 16 अगस्तः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस दुनिया से विदा हो गए हैं। लेकिन, कुछ ऐसी चीजें छोड़कर गए हैं जो हमेशा अटल रहेंगी। 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी अपने उसूलों से कभी पीछे नहीं हटे। इसी का नतीजा रहा है कि उन्होंने देश को कई ऐसी चीजें दी हैं जिन्हें भारत के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। आइए आपको उनकी सबसे बड़ी पांच उपलब्धियों के बारे में बताते हैं।
पोखरण परमाणु परीक्षण
साल 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुए परमाणु परीक्षण किया था, जोकि राजस्थान के पोखरण में हुआ था। इस परमाणु परीक्षण से पूरा विश्व आश्चर्यचकित रह गया था। इसे आमतौर पर हाइड्रोजन बम के नाम से जाना जाता है। इस परीक्षण के बाद दुनिया के शक्तिशाली देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए थे। वाजपेयी ने किसी की चिंता न करते हुए देश सुरक्षा के लिए यह अहम कदम उठाया था, जिसे आज हर कोई याद करता है।
भारत में टेलीकॉम क्रांति के जनक
अटल बिहारी वाजपेयी को टेलीकॉम क्रांति का जनक भी कहा जाता है। उनके शासनकाल में ही भारत में टेलीकॉम क्रांति की शुरुआत की गई थी। बताया जाता है कि उनके कार्यकाल में टेलीकॉम से संबंधित कोर्ट के मामलों को तेजी से निपटाया गया, जिसके बाद ट्राई की सिफारिशें लागू किया गया। स्पैक्ट्रम का आवंटन इतनी तेजी से हुआ कि मोबाइल के क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत हो गई। धीरे-धीरे पूरे भारत में मोबाइल फोन से लोग एक-दूसरे से जुड़ने लगे और बातचीत का संचार तेज हो गया।
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के चार बड़े महानगरों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को चार से छह लेन वाले राजमार्गों के नेटवर्क से जोड़ने की एक योजना बनाई थी। मैप पर देखे जाने पर यह राजमार्ग चतुर्भुज आकार का दिखता है और शायद इसी कारण इसे स्वर्णिम चतुर्भुज कहा गया है। वर्ष 1999 में योजना बनकर पूरी हुई और साल 2001 में आधिकारिक रूप से इसके निर्माण कार्य की शुरुआत की गई। वर्ष 2012 में जाकर यह परियोजना पूर्ण हुई। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत बने इस राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 5,846 कि.मी. है और इसके निर्माण में लगभग 6 खरब रुपए का खर्च आया। यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी परियोजना में शामिल है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
अटल जी ने गांवों को सड़क से जोड़ने का काम शुरू किया था। उन्हीं के शासनकाल के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरूआत हुई थी। इसी योजना की बदौलत आज लाखों गांव सड़कों से जुड़ पाए हैं। यह योजना 25 दिसंबर 2000 में शुरू की गई थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना उन गांव या इलाकों के लिए है, जहां कम से कम 500 लोगों की आबादी है। इस योजना का काम खत्म होने का अनुमान 2029 तक रखा गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में उन इलाकों का भी ख्याल रखा गया है जो पहाड़ी या रेगिस्तान में हैं। लेकिन इसके लिए वहां की कम से कम आबादी 250 से अधिक होनी जरूरी है।
कारगिल युद्ध को जीता
अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान से न सिर्फ दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाए बल्कि उसकी गद्दारी के लिए कारगिल युद्ध में उसे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। कारगिल युद्ध की जीत का पूरा श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। पाकिस्तानी घुसपैठियों ने 1999 में कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ कर भारत के बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था। अटल सरकार ने पाकिस्तान की सीमा का उल्लंघन न करने की अंतरराष्ट्रीय सलाह का सम्मान करते हुए धैर्यपूर्वक ठोस कार्रवाई की और भारतीय क्षेत्र को मुक्त कराया।