ज्योतिषीय असंगति शादी के वादे से मुकरने का बहाना नहीं हो सकती : अदालत
By भाषा | Published: September 21, 2021 04:24 PM2021-09-21T16:24:32+5:302021-09-21T16:24:32+5:30
मुंबई, 21 सितंबर बंबई उच्च न्यायालय ने 32 वर्षीय एक व्यक्ति को बलात्कार और धोखाधड़ी के मामले आरोप मुक्त करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उसने शिकायतकर्ता महिला, जिसके साथ उसका संबंध था, से शादी करने के अपने वादे से मुकरने के लिए कुंडली की "ज्योतिषीय असंगति" का इस्तेमाल बहाने के तौर पर किया था।
न्यायमूर्ति एस के शिंदे की एकल पीठ ने सोमवार को अभिषेक मित्रा की याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में महिला की शिकायत के आधार पर उपनगरीय बोरीवली पुलिस द्वारा उसके खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और बलात्कार के मामले से आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया गया था।
इस फैसले का विवरण मंगलवार को उपलब्ध कराया गया।
मित्रा के वकील राजा ठाकरे ने तर्क दिया था कि "ज्योतिषीय असंगति" के कारण आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच संबंधों को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। उन्होंने तर्क दिया कि यह शादी के झूठे बहाने धोखाधड़ी और बलात्कार का मामला नहीं है बल्कि वादे के उल्लंघन का मामला है।
न्यायमूर्ति शिंदे ने, हालांकि, इस तर्क को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस बात से पता चलता है कि शुरुआत से ही आरोपी का शिकायतकर्ता से शादी करने के अपने वादे को कायम रखने का कोई इरादा नहीं था।
पीठ ने कहा, “यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता (मित्रा) ने कुंडली की ज्योतिषीय असंगति की आड़ में, विवाह के वादे को निभाने से इनकार किया। इस प्रकार, मुझे पूरी तरह से लगता है कि यह शादी करने के झूठे वादे का मामला है जो स्पष्ट रूप से शिकायतकर्ता की सहमति का उल्लंघन करता है। "
मामले के विवरण के अनुसार, आरोपी और शिकायतकर्ता 2012 से एक-दूसरे को जानते थे, जब वे एक पांच सितारा होटल में काम कर रहे थे और एक संबंध में थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कई मौकों पर आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।