विधानसभा चुनावः आंतरिक कलह और गुटबाजी के कारण बार-बार हार रही कांग्रेस, अशोक चव्हाण रिपोर्ट में खुलासा

By शीलेष शर्मा | Published: June 10, 2021 06:19 PM2021-06-10T18:19:10+5:302021-06-10T21:06:46+5:30

यह खुलासा कमेटी की उस रिपोर्ट में किया गया है, जो अशोक चव्हाण के नेतृत्व में चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिये सोनिया गाँधी ने गठित की थी।

Assembly elections Congress kerala assam losing internal strife and factionalism disclosed in Ashok Chavan report | विधानसभा चुनावः आंतरिक कलह और गुटबाजी के कारण बार-बार हार रही कांग्रेस, अशोक चव्हाण रिपोर्ट में खुलासा

सत्ता से कांग्रेस के बाहर होने के बाद से हर राज्य में गुटबाज़ी तेज़ हो गयी है।

Highlightsबदरुद्दीन अज़मल की पार्टी एआईयूडीएफ से कांग्रेस के साथ हुये चुनावी समझौते को कारण बताया जा रहा है। एआईयूडीएफ से अगर कांग्रेस समझौता नहीं करती तो पार्टी का प्रदर्शन और भी खराब होता।आपसी गुटबंदी ने कार्यकर्ताओं को भी गुटों में बाँट दिया तथा उनके बीच कोई समन्वय नहीं था।

नई दिल्लीः असम और केरल जैसे राज्यों में कांग्रेस को आंतरिक कलह और गुटबाजी के कारण हार का मुंह देखना पड़ा।

यह खुलासा कमेटी की उस रिपोर्ट में किया गया है, जो अशोक चव्हाण के नेतृत्व में चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिये सोनिया गाँधी ने गठित की थी। कमेटी के एक सदस्य ने लोकमत से बातचीत करते हुए कहा कि समाचार पत्रों में छपी खबरें निराधार हैं।

जिनमें असम में हुई पराजय के लिये बदरुद्दीन अज़मल की पार्टी एआईयूडीएफ से कांग्रेस के साथ हुये चुनावी समझौते को कारण बताया जा रहा है। हक़ीक़त यह है कि राज्य स्तर पर प्रदेश के नेताओं के बीच आपसी गुटबंदी ने कार्यकर्ताओं को भी गुटों में बाँट दिया तथा उनके बीच कोई समन्वय नहीं था।

एआईयूडीएफ से अगर कांग्रेस समझौता नहीं करती तो पार्टी का प्रदर्शन और भी खराब होता। केरल की चर्चा करते हुए कमेटी के इस सदस्य ने बताया कि राहुल गांधी की मौजूदगी के बावजूद ओमान चांडी तथा रमेश चेन्निथला आपस में ही गुटबाज़ी कर एक दूसरे को नुकसान पहुँचाने में लगे रहे नतीजा कांग्रेस चुनाव हार गयी।

पार्टी के प्रभारी महासचिव तारिक़ अनवर ने भी इस बात को स्वीकार किया कि पार्टी नेताओं की आपसी गुटबाज़ी ने चुनाव में पार्टी का भारी नुकसान किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि आंतरिक गुटबाज़ी कोई नई बात नहीं है लेकिन सत्ता से कांग्रेस के बाहर होने के बाद से हर राज्य में गुटबाज़ी तेज़ हो गयी है।

हार्दिक पटेल इसी गुटबाज़ी के कारण आलाकमान को कांग्रेस छोड़ने की धमकी भी दे चुके हैं। पंजाब ,राजस्थान ,छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्यों में कांग्रेस खेमों में बंट चुकी है लेकिन नेतृत्व उसका कोई समाधान नहीं खोज रहा है जिससे गुटबाज़ी बढ़ती जा रही है। 

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