Assembly Elections 2022: उत्तराखंड की 70, गोवा में 40 और यूपी की 55 सीटों पर थम गया चुनाव प्रचार, 14 फरवरी को मतदान, जानें आंकड़े
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 12, 2022 07:49 PM2022-02-12T19:49:36+5:302022-02-12T19:57:00+5:30
Assembly elections 2022: उत्तर प्रदेश, गोवा और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए प्रचार का काम शनिवार शाम छह बजे थम गया।
Assembly elections 2022: उत्तराखंड की 70, गोवा की 40 और उत्तर प्रदेश की 55 सीटों पर चुनाव प्रचार थम गया। यूपी में 10 फरवरी को 58 सीट पर मतदान हो चुका है। उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में मतदान हो रहा है। 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।
इस चरण में राज्य के नौ जिलों--सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, सम्भल, रामपुर, अमरोहा, बदायूँ, बरेली तथा शाहजहांपुर की 55 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा। इस चरण का चुनाव प्रचार शाम छह बजे समाप्त हो गया। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की सुविधा और कोविड से सुरक्षा की विशेष व्यवस्था करायी गयी हैं तथा मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए वहां पर समुचित एवं आवश्यक व्यवस्थाएं कराने के लिए प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
दूसरे चरण में कुल 586 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं
चुनाव आयोग के अनुसार दूसरे चरण में कुल 586 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (शाहजहांपुर सदर), जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख (बिलासपुर), नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता (बदायूं), माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी (चंदौसी), आयुष राज्यमंत्री रहे और अब सपा के प्रत्याशी धर्म सिंह सैनी (नकुड़), वरिष्ठ सपा नेता आजम खान (रामपुर सदर) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (स्वार) प्रमुख हैं। दूसरे चरण में जिन क्षेत्रों में मतदान होने जा रहा है वहां मुसलमानों की आबादी काफी ज्यादा है और इन्हें समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है।
सभी राजनीतिक दलों ने अपना पूरा जोर लगाया
हालांकि वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन 55 में से 38 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि सपा को 15 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। कांग्रेस और सपा ने पिछला विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। सपा को जो 15 सीटें मिली थी उनमें से 10 पर मुस्लिम प्रत्याशी जीते थे। दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रचार में सभी राजनीतिक दलों ने अपना पूरा जोर लगाया।
भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रूप से मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर हमलावर रहे और उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त रखने के लिए भाजपा सरकार को जरूरी बताया। मोदी ने सहारनपुर में तीन तलाक का मुद्दा भी उठाया और दावा किया कि उनकी सरकार ने मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के चंगुल से आजाद कराया है।
अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभाली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बरेली, शाहजहांपुर और बदायूं समेत विभिन्न स्थानों पर जाकर जनसभाएं की और विपक्षी दलों पर जमकर प्रहार किए। दूसरी ओर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभाली।
उन्होंने 100 से ज्यादा मुकदमों के मामले में करीब दो साल से जेल में बंद अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के पक्ष में रामपुर में वोट मांगे और कहा कि एक विश्वविद्यालय बनाने वाले आजम को जेल में डाल दिया गया और लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में किसानों को अपनी जीप तले रौंदने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे को जमानत दे दी गई।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान सपा भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा की सरकार ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम भाईचारा समाप्त कर दिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दूसरे चरण के तहत मतदान से गुजरने वाले विभिन्न जिलों के अनेक विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर प्रचार किया।
गोवा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म
गोवा में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये प्रचार अभियान शनिवार शाम को समाप्त हो गया। प्रदेश में विधानसभा की 40 सीटों के लिए कुल 301 उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रदेश में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), तृणमूल कांग्रेस पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), राकांपा, शिवसेना, रिवोल्यूशनरी गोवा, गोएंचो स्वाभिमान पार्टी, जय महाभारत पार्टी और संभाजी ब्रिगेड के उम्मीदवारों के अलावा, 68 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस राज्य में भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं
निर्दलीय उम्मीदवारों में प्रमुख राजनीतिक दलों के बागी भी शामिल हैं । प्रदेश में मतों की गिनती दस मार्च को होगी । इस तटीय राज्य में भाजपा सत्ता में बने रहने के लिये जी तोड़ कोशिश कर रही है । पार्टी चुनाव मैदान में अकेले उतरी है और किसी भी अन्य दल के साथ उसका गठबंधन नही है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी प्रमुख जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं ने पिछले एक महीने में गोवा में भाजपा के लिए प्रचार किया। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस राज्य में भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं।
प्रदेश चुनाव में कांग्रेस जीएफपी के साथ गठबंधन कर मैदान में है । कांग्रेस ने 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि सहयोगी जीएफपी के खाते में तीन सीटें गयी है । कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने तटीय राज्य में पार्टी के लिए प्रचार किया। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम वरिष्ठ नेता दिनेश गुंडू राव के साथ कांग्रेस की चुनावी रणनीति देख रहे हैं।
केजरीवाल ने गोवा में ‘दिल्ली मॉडल’ को दोहराने और ‘भ्रष्टाचार मुक्त सरकार’ देने का वादा किया
गोवा में 2017 के चुनावों में कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन सरकार नहीं बना सकी क्योंकि भाजपा ने तेजी के साथ गठबंधन कर सरकार गठन करने का दावा पेश किया था । पिछले पांच वर्षों में, कांग्रेस के कई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी, जिससे विधानसभा में उसकी संख्या दो पर सिमट गयी । आम आदमी पार्टी प्रदेश में 39 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। प्रचार अभियान के दौरान, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गोवा में ‘दिल्ली मॉडल’ को दोहराने और ‘भ्रष्टाचार मुक्त सरकार’ देने का वादा किया ।
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी गोवा की चुनावी राजनीति में पहली बार उतरी है । टीएमसी राज्य के सबसे पुराने राजनीतिक दल एमजीपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। टीएमसी जहां 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं एमजीपी 13 पर चुनाव लड़ रही है। राकांपा और शिवसेना गठबंधन भी मैदान में है । शिवसेना जहां 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं राकांपा 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
उत्तराखंड में सभी 70 सीटों पर एक चरण में मतदान
उत्तराखंड में सभी 70 सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार शाम चुनाव प्रचार थम गया जहां आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जैसे भाजपा और कांग्रेस के दिग्ग्जों ने अपनी पार्टियों के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी । यहां चुनाव आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शाम छह बजे चुनाव प्रचार का शोर थम गया। हांलांकि, प्रत्याशी अब भी अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर अपने लिए वोट मांग सकेंगे ।
कोरोना वायरस महामारी के साए में हो रहे इस चुनाव में ज्यादातर समय बड़ी राजनीतिक रैलियों और सभाओं पर रोक लगी रही जिसके कारण प्रत्याशियों का प्रचार मतदाताओं से सीधे संपर्क या बडे नेताओं की वर्चुअल रैलियों तक ही सिमटा रहा । हालांकि, आखिरी चरण में चुनावी रैलियों पर रोक हटने से प्रचार ने जोर पकड़ा और नरेंद्र मोदी, अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की बड़ी जनसभाओं से प्रदेश में चुनावी माहौल गरमा गया ।
प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मोदी ने रुद्रपुर, आदित्यनाथ ने टिहरी एवं कोटद्वार, राजनाथ सिंह ने कपकोट, सल्ट और रामनगर, अमित शाह ने धनोल्टी, सहसपुर और रायपुर में जनसभाएं करने के साथ ही घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क साधा जबकि प्रियंका गांधी ने खटीमा और हल्द्वानी में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया ।
रूद्रपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने राज्य की जनता से चुनाव में कांग्रेस के 'तुष्टिकरण के एजेंडा' को सफल न होने देने की अपील की और कहा कि पहले ही देश के कई राज्यों से उखड चुकी कांग्रेस का पूरा सफाया करने का उन्हें मौका मिला है।
प्रियंका गांधी ने महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के खराब हालात जैसे मुददे उठाए
खटीमा और हल्द्वानी में अपनी रैलियों में प्रियंका गांधी ने महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के खराब हालात जैसे मुददे उठाए और कहा कि भाजपा के शासनकाल में जनता के अधिकारों का हनन हो रहा है । तीन कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए वाड्रा ने कहा कि मोदी सरकार उन्हें किसानों की कीमत पर अपने अरबपति मित्रों की समृद्धि के लिए लायी थी जिसे किसानों के दवाब में उसे वापस लेना पड़ा। उन्होंने भाजपा पर पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदलने का आरोप भी लगाया।
वाड्रा ने जनता से वादा किया कि सत्ता में आने पर उन पर मंहगाई का बोझ नहीं पड़ने दिया जाएगा और कीमतों को नियंत्रण में रखा जाएगा । यद्यपि आम आदमी पार्टी ने कई जगहों पर चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबला बनाने का प्रयास किया लेकिन ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला देखा जा रहा है ।
इस बार के चुनावों में खटीमा, लालकुआं और गंगोत्री सीटों को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से तीसरी बार जीतने का प्रयास कर रहे हैं वहीं कांग्रेस महासचिव और चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत लालकुआं से किस्मत आजमा रहे हैं। आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री से चुनावी मैदान में हैं । प्रदेश में मतदाताओं की कुल संख्या 8237913 हैं जिनके सोमवार को मताधिकार का प्रयोग करने की संभावना है।
(इनपुट एजेंसी)