राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर कसा तंज, कहा- 1654 दिन से गद्दी पर बैठे हैं, अब तो 1 पत्रकार वार्ता कर लीजिए
By विकास कुमार | Published: December 7, 2018 03:44 PM2018-12-07T15:44:55+5:302018-12-07T15:46:12+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में बीजेपी नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, आपको देश की बागडोर संभाले हुए 1654 दिन हो चुका है, लेकिन अभी तक आपने कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं की है।
नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही उनके किसी भी प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा नहीं लेंने को लेकर विरोधी पार्टियां अक्सर उनको निशाने पर लेती हैं। लेकिन इस बार खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर प्रेस कांफ्रेंस नहीं करने को लेकर तंज कसा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का प्रचार समाप्त होने के तुरंत बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी तंज कसते हुए कहा, ''अब चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है, आशा है कि आप अपने पार्ट टाइम जॉब यानि प्रधानमंत्री के जॉब को कुछ समय दे सकते हैं। आपको देश की बागडोर संभाले हुए 1654 दिन हो चुका है, लेकिन अभी तक आपने कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं की है। अपने हैदराबाद प्रेस कांफ्रेंस की कुछ तस्वीरें आपके सामने रख रहा हूँ। आप भी किसी दिन आजमा सकते हैं, सवालों के जवाब देने में बहुत आनंद आता है।
गौरतलब है कि यूपीए शासन में जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे, उन्हें अक्सर नरेन्द्र मोदी अपने भाषणों में मौनमोहन सिंह बोला करते थे। मोदी कहते थे कि देश को बोलने वाला प्रधानमंत्री चाहिए। जबकि एक तथ्य ये भी है कि मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए दो बार प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था।
Dear Mr Modi,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 5, 2018
Now that campaigning is over, hope you can spare some time for your part-time job as PM.
Btw its been 1,654 days since u became PM. Still no press conference?
Some pics from our Hyderabad PC today. Try one someday, it’s fun having questions thrown at you! pic.twitter.com/Tc3I1kLGBI
प्रधानमंत्री के पद संभालने के बाद नरेन्द्र मोदी ने अभी तक कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं किया है। भारतीय जनता पार्टी इसका बचाव करते हुए कहती है कि प्रधानमंत्री 'मन की बात' की बात जैसे कार्यक्रमों से जनता से सीधे संवाद स्थापित करते हैं। लेकिन विपक्षी पार्टियां इसे एकतरफा संवाद मानती हैं जिसमें नरेन्द्र मोदी को कठिन सवालों का सामना नहीं करना पड़ता है।