असम: HC के हस्तक्षेप से चार साल पहले विदेशी घोषित हुई महिला को मिली नागरिकता, जानें पूरा मामला

By रुस्तम राणा | Published: January 23, 2022 04:10 PM2022-01-23T16:10:53+5:302022-01-23T16:13:49+5:30

ट्रिब्यूनल द्वारा सुनाए गए फैसले को शेफाली ने पिछले साल गुवाहाटी उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसके बाद उन्हें अपनी पहचान को साबित करने का एक और मौका दिया गया। उसने अब ट्रिब्यूनल कोर्ट के सामने अपना दावा साबित कर दिया है और फिर से भारतीय नागरिक बन गई है।

Assam woman who was declared foreigner gets citizenship after HC intervention | असम: HC के हस्तक्षेप से चार साल पहले विदेशी घोषित हुई महिला को मिली नागरिकता, जानें पूरा मामला

असम: HC के हस्तक्षेप से चार साल पहले विदेशी घोषित हुई महिला को मिली नागरिकता, जानें पूरा मामला

Highlightsट्रिब्यूनल  के फैसले को गुवाहाटी हाईकोर्ट में दी चुनौती कछार जिले के मोहनखाल गांव की हैं शेफाली

सिलचर: साल 2017 में असम की रहने वाली शेफाली रानी दास को अवैध प्रवासी घोषित कर दिया गया था, लेकिन गुवाहाटी हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें फिर से भारतीय नागरिक घोषित कर दिया गया है। सिलचर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल द्वारा एकतरफा फैसले में शेफाली को विदेशी घोषित कर दिया गया था। दरअसल, उसका वकील सुनवाई के दिनों में अदालत के सामने पेश नहीं हुआ था। 

ट्रिब्यूनल  के फैसले को गुवाहाटी हाईकोर्ट में दी चुनौती 

ट्रिब्यूनल द्वारा सुनाए गए फैसले को शेफाली ने पिछले साल गुवाहाटी उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसके बाद उन्हें अपनी पहचान को साबित करने का एक और मौका दिया गया। उसने अब ट्रिब्यूनल कोर्ट के सामने अपना दावा साबित कर दिया है और फिर से भारतीय नागरिक बन गई है।

कछार जिले के मोहनखाल गांव की हैं शेफाली

शेफाली रानी दास लखी दास की बेटी हैं। जो कछार जिले के सोनाई विधानसभा क्षेत्र के मोहनखाल गांव की रहने वाली हैं। साल 2015 में उसके खिलाफ नागरिकता पर सवाल उठाने का मामला दर्ज किया गया था। फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल कोर्ट ने शेफाली को एक नोटिस भेजा और उसे अपनी भारतीय पहचान साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ पेश होने को कहा गया। जिसके बाद शेफाली अदालत के सामने पेश हुई।

तारीखों पर नहीं पहुंचा शेफाली का वकील

इस केस के लिए उसने अपना एक वकील नियुक्त किया। ट्रिब्यूनल कोर्ट ने उसे आगे पेश होने के लिए तारीखें दीं और वह अपने द्वारा नियुक्त वकील पर निर्भर थी। लेकिन वकील कई तारीखों पर कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ। यहां तक की वकील ने उससे बात तक नहीं की, जिसके परिणामस्वरूप 19 सितंबर 2017 को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल कोर्ट के द्वारा शेफाली एक अवैध प्रवासी घोषित कर दिया गया। 

हाईकोर्ट ने शेफाली के दावे को माना सही 

इसके बाद पिछले साल गुवाहाटी उच्च न्यायालय में शेफाली दास की ओर से ट्रिब्यूनल कोर्ट की 2017 के फैसले को चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने माना कि शेफाली दास द्वारा किए गए दावे सही हैं और पिछले साल 20 जुलाई को सिलचर के एफटी -6 को मामले की फिर से सुनवाई करने के लिए कहा। जिसके बाद सिलचर के एफटी -6 के सदस्य (जज) धर्मानंद देब ने तब मामले की फिर से सुनवाई की और इस साल 17 जनवरी को शेफाली को भारतीय घोषित कर दिया। 

Web Title: Assam woman who was declared foreigner gets citizenship after HC intervention

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे