Lockdown: शराब की दुकानों पर लौटी रौनक, शटर उठते ही लगी शौकीनों की लंबी लाइन
By गुणातीत ओझा | Published: April 13, 2020 02:37 PM2020-04-13T14:37:16+5:302020-04-13T14:37:16+5:30
कोरोना वायरस से जंग में जारी देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शराब के शौकीनों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। वे चाहकर भी कुछ नही कर पा रहे हैं। आदत से मजबूर कुछ लोग शराब के लिए कोई भी कीमत देने तक को तैयार हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉकडाउन में शराब की अवैध बिक्री बढ़ गई है।
कोरोना वायरस से जंग में जारी देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शराब के शौकीनों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। वे चाहकर भी कुछ नही कर पा रहे। आदत से मजबूर कुछ लोग शराब के लिए कोई भी कीमत देने तक को तैयार हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉकडाउन में शराब की अवैध बिक्री बढ़ गई है। लोग चार गुनी कीमत देकर शराब खरीद रहे हैं। वहीं कुछ राज्यों में शराब की दुकानों को कुछ समय के लिए खोलने की छूट दे दी गई है। इस क्रम में आज असम में शराब की दुकानें जब खुलीं तो खरीदारों की लाइन लगने लगी। हालांकि लोग सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर जरूरी दूरी बनाकर लाइनों में लगे दिखे।
Assam: People line up outside a liquor shop in Dibrugarh as government permits sale of liquor between 10 AM & 5 PM during #CoronavirusLockdown. pic.twitter.com/d8HhAYJa5G
— ANI (@ANI) April 13, 2020
बताते चलें कि लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री को लेकर कई राज्यों में मांग उठती रही है। चाहे वो हरियाणा में लॉकडाउन के बाद में शराब की बिक्री जारी रहने का मामला हो या फिर केरल में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर डॉक्टर की सलाह पर लोगों को शराब मुहैया कराने का। इस क्रम में नार्थ ईस्ट के दो राज्य असम और मेघालय में सरकार की हरी झंडी मिलने पर आज सोमवार से शराब की बिक्री शुरू हो गई है। रविवार को जारी एक आदेश में, असम आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों, थोक गोदामों, बोतल प्लांट, भट्टियों को सोमवार से खोलने की अनुमति दी थी। इस आदेश में यह भी कहा गया था कि बार बंद रहेंगे।
दुकानों को "न्यूनतम कर्मचारियों" के साथ काम करने और बोतल और नकदी संभालने के दौरान ग्राहकों और कर्मचारियों को हैंड सैनिटाइज़र देने के लिए कहा गया है थोक गोदामों, बोतल प्लांट, ब्रुअरीज और डिस्टिलरों को अपने नियमित कर्मचारियों और श्रमिकों के 50% काम चलाना होगा। उन्हें परिसर या नजदीकी स्थान पर रहने के लिए कर्मचारियों की व्यवस्था भी करनी होगी।
लॉकडाउन में शराब घर तक पहुंचाने की सेवा नहीं होगी : महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र के आबकारी विभाग ने शनिवार को कहा था कि प्रदेश सरकार ने विक्रेताओं को शराब की ऑनलाइन बिक्री करने और इसे घरों तक पहुंचाने की इजाजत नहीं दी है तथा जनता को इस तरह के वादे करने वाले भ्रामक विज्ञापनों के फेर में नहीं पड़ना चाहिए। विभाग ने कहा कि शराब होम डिलिवरी के बारे में सोशल मीडिया पर चल रहीं खबरें फर्जी हैं और ये लोगों को ठगने की चाल है। बयान में लोगों से कहा गया कि वे अवैध शराब कारोबार के बारे में 18008333333 नंबर पर जानकारी दें।
लॉकडाउन : गोवा में शराब की दुकानें बंद, पारंपरिक शराब की बढ़ रही है मांग
कोरोना वायरस के कारण लगाए लॉकडाउन के बीच गोवा में शराब की दुकानें बद होने के चलते स्थानीय लोग बीयर और ब्रांडी के विकल्प के तौर पर तेजी से पारंपरिक शराब का सेवन कर रहे हैं। गोवा के गांवों में हरी गली-नुक्कड़ पर मिलने वाली इस स्थानीय शराब को बनाने वाले लोगों को इन्हें घर तक पहुंचाने के लिए कहा जा रहा है। कैश्यु डिस्टिलर्स एंड बॉटलर्स एसोसिएशन के संस्थापक-अध्यक्ष मैक वाज ने कहा, ‘‘इन दिनों स्थानीय शराब की भारी मांग है। लोग हर संभव तरीके से इसे खरीदने की कोशिश कर रही है।’’ कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए देशव्यापी बंद के बाद तटीय राज्य में शराब की सैकड़ों दुकानें बंद है। वाज ने बताया कि काजू सेब के रस से बनने वाली एक लीटर की इस शराब की बोतल की कीमत करीब 100 रुपये है और इसके निर्माताओं ने मांग के बावजूद इसकी कीमत नहीं बढ़ाई है। पोंडा के समीप निरांचल में स्थित काजू उत्पादक विकास प्रभु ने कहा, ‘‘लोग इस स्थानीय शराब के मौसम का इंतजार करते हैं लेकिन इस पारंपरिक पेय की मांग बढ़ गई क्योंकि शराब की दुकानें बंद हैं।’’