असम: कांग्रेस सांसद ने हिमंत सरकार के सौ दिन की विफलताएं गिनाई
By भाषा | Published: August 22, 2021 03:06 PM2021-08-22T15:06:04+5:302021-08-22T15:06:04+5:30
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा ने असम में कथित तौर पर टीकाकरण की धीमी रफ्तार और गोहत्या निषेध कानून लाकर लंबे समय से चली आ रही सामाजिक सद्भाव को “खतरे में डालने” को लेकर हिमंत बिस्व सरमा नीत सरकार की आलोचना की है। असम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के सौ दिन के प्रदर्शन का विश्लेषण करते हुए बोरा ने यह भी कहा कि नई सरकार आने के बाद से अंतरराज्यीय सीमा विवाद बढ़े हैं और सरकार महिलाओं के सूक्ष्म वित्त ऋण माफ करने के वादे से भी पीछे हटी है। कांग्रेस नेता ने एक बयान में कहा कि सरमा की सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के बड़े-बड़े दावे किये थे लेकिन वास्तव में दिखाने के लिए उसके पास कोई उपलब्धि नहीं है। बोरा ने कहा कि असम की 3.35 करोड़ जनसंख्या में से अब तक केवल 20 लाख को ही टीके की दोनों खुराक दी गई है, जबकि 1.28 करोड़ लोगों को केवल पहली खुराक दी गई है। उन्होंने कहा कि 18 साल के ऊपर के 1.07 करोड़ लोगों को टीके की पहली खुराक भी नहीं दी गई जो चिंताजनक है। असम प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष बोरा ने कहा कि पशु संरक्षण विधेयक 2021 के कारण असम में हिंदू, ईसाई और मुस्लिमों के बीच लंबे समय से कायम शांति और सद्भावना खतरे में है।
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