अश्विनी वैष्णव ने कहा, "यूपीए काल गंवाने वाला दशक था, कुछ दलों की शार्टकट राजनीति से होगा देश को नुकसान"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 3, 2023 10:31 AM2023-06-03T10:31:47+5:302023-06-03T10:38:59+5:30
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ दलों की "शॉर्टकट" राजनीति इस देश की राजनीति के लिए बेहद घातक है और इससे देश को भारी नुकसान पहुंचता है।
दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस नीत यूपीए के 2004 से 2014 के शासनकाल को भारत के लिए "गंवाने वाला दशक" बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को निशाने के केंद्र में लेते हुए कहा कि कुछ दलों की "शॉर्टकट" राजनीति इस देश की राजनीति के लिए बेहद घातक है और इससे देश को भारी नुकसान पहुंचता है।
रेलवे के साथ-साथ संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे मंत्रालयों का दायित्व संभाल रहे केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र की मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार सभी क्षेत्रों का सतत एवं सर्वांगीण विकास कर रही है। मंत्री वैष्णव ने यह बात मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर विभिन्न उपलब्धियों को रेखांकित करने करते हुए कही। उन्होंने कहा, "पिछले नौ वर्षों में देश में अभूतपूर्व उन्होंने कहा परिवर्तन हुआ है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2004 में देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक आकार में 10वें स्थान पर थी, जो अब बढ़कर पांचवे पायदान पर पहुंच गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यूपीए का पूरा शासनकाल इस देश के लिए केवल गंवाने का काल भर था।"
विभिन्न दलों द्वारा मुफ्त उपहारों की पेशकश के स्पष्ट संदर्भ में उन्होंने कहा कि उनके शॉर्टकट देश को नुकसान पहुंचाएंगे। मंत्री वैष्णव ने आगे कहा कि लोगों ने जिस तरह से 2014 और 2019 में पीएम मोदी में भरोसा जताया था। उसी तरह से 2024 के आम चुनाव में उसी तरह का बहुमत मिलेगा।
भाजपा अक्सर कांग्रेस और आप जैसी विपक्षी पार्टियों द्वारा पेश की जाने वाली 'रेवड़ी' के खिलाफ बोलती रही है। मंत्री ने कहा, "हाल ही में मॉर्गन स्टेनली रिपोर्ट में भी कहा गया है कि भारत ने एक दशक से भी कम समय में परिवर्तन को अपनाया है। हमें 2026 तक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2027-28 तक शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का अनुमान है।"
उन्होंने कहा कि ट्रेनें समय पर चलने लगी हैं, उनके अंदर और प्लेटफार्मों पर सफाई में काफी सुधार हुआ है।वैष्णव ने कहा कि 2014 तक छह दशकों में 21,000 किलोमीटर की तुलना में नौ वर्षों में 37,000 किलोमीटर की पटरियों का विद्युतीकरण किया गया। वहीं रोजाना बिछाए जाने वाले नए ट्रैक की औसत लंबाई 3.5 से 4 किमी तक बढ़कर 14 किमी हो गई है। कार्गो मूवमेंट में रेलवे की बड़ी भूमिका से मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और इससे सड़क परिवहन की तुलना में माल ढुलाई का शुल्क बहुत कम है।
मेड-इन-इंडिया वंदे भारत ट्रेन को विश्व स्तर का बताते हुए उन्होंने कहा कि केवल आठ देशों के पास 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के निर्माण के लिए डिजाइन और निर्माण की जानकारी है और यह ट्रेनें अगले साल के मध्य तक 200 शहरों को जोड़ेगी।