2014 के चुनावों में मुद्दा बने घोटालों के लिए किसे सजा हुई, IAS अशोक खेमका ने कहा- आयोगों पर करोड़ों खर्च हुए लेकिन...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 23, 2023 06:37 AM2023-04-23T06:37:48+5:302023-04-23T06:42:17+5:30
अशोक खेमका ने ट्वीट किया है, ‘‘क्या घोटाले सिर्फ चुनावी मुद्दे तक सीमित रहेंगे? जो घोटाले 2014 में मुख्य चुनावी मुद्दा बने, उनमें नौ साल बाद किसे दंड मिला?”
चंडीगढ़ः भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी अशोक खेमका ने शनिवार को सवाल किया कि 2014 के चुनावों में बड़ा मुद्दा बने घोटालों में किसे सजा हुई। उन्होंने जानना चाहा कि क्या भ्रष्टाचार सिर्फ चुनावी मुद्दा बनने तक सिमटकर रह जाएगा।
गौरतलब है कि 2012 में खेमका ने भूमि उपयोग विभाग में महानिदेशक और पंजीकरण विभाग में महानिरीक्षक रहते हुए डीएलएफ और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के बीच 3.5 एकड़ जमीन का उपयोग बदलने वाला सौदा रद्द कर दिया था। स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा से जुड़ी हुई कंपनी है। भाजपा ने इस सौदे में धांधली का आरोप लगाया था।
क्या घोटाले सिर्फ चुनावी मुद्दे तक सीमित रहेंगे? जो घोटाले 2014 में मुख्य चुनावी मुद्दे बने, नौ साल बाद किसे दंड मिला?
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) April 22, 2023
करोड़ों खर्च हुए, लेकिन कमिशन फेल निकले। अब क्या पुलिस तहकीकात का भी यही हश्र होगा? जिन्हे कटघरे में होना चाहिए था, वही हाकिम बने हुए है। यह कैसी न्याय नीति?
खेमका ने ट्वीट किया है, ‘‘क्या घोटाले सिर्फ चुनावी मुद्दे तक सीमित रहेंगे? जो घोटाले 2014 में मुख्य चुनावी मुद्दा बने, उनमें नौ साल बाद किसे दंड मिला?” उन्होंने कहा, “आयोगों पर करोड़ों खर्च हुए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब क्या पुलिस तहकीकात का भी यही हश्र होगा? जिन्हें कटघरे में होना चाहिए था, वही शासक बने बैठे हैं। यह कैसी न्याय नीति है?’’
हरियाणा के डीएलएफ मामले में आईएएस अशोक खेमका का यह दूसरा ट्वीट है। पहला ट्वीट उन्होंने 5 अप्रैल को किया था। इसमें उन्होंने स्काईलाइट-DLF लैंड डील में वाड्रा को क्लीन चिट देने वाले रिटायर्ड IAS अधिकारी को दोबारा नियुक्ति देने पर नाराजगी जताई थी।