अशोक गहलोत भड़के सचिन पायलट पर, बोले- "पर्दे की बात बाहर क्यों कर रहे हैं, अनुशासन में रहें"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 2, 2022 04:14 PM2022-11-02T16:14:54+5:302022-11-02T16:17:21+5:30
अशोक गहलोत को सचिन पायलट द्वारा पार्टी की पर्दे वाली बात प्रेस के सामने करना बेहद नागवार गुजरा है। यही कारण है कि सीएम गहलोत ने इशारों-इशारों में पायलट को हद में रहने की सलाह दे दी है।
अलवर: राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके विरोधी सचिन पायलट के बीच एक बार फिर तलवार खिंचती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पायलट द्वारा पार्टी की पर्दे वाली बात प्रेस के सामने कहना बेहद नागवार गुजरा है। यही कारण है कि सीएम गहलोत ने इशारों-इशारों में सचिन पायलट को हद में रहने की सलाह दे दी है।
अशोक गहलोत ने अलवर में कहा, "उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। केसी वेणुगोपाल ने पार्टी में सभी से ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करने को कहा है। हम चाहते हैं कि सभी अनुशासन का पालन करें।"
Alwar, Rajasthan | They should not make such remarks. KC Venugopal has asked everybody in the party to not make any such remarks. We want that everybody should follow discipline: Rajasthan CM Ashok Gehlot on Sachin Pilot's remarks https://t.co/ptGGHUY7M3pic.twitter.com/ELTQLrNG3K
— ANI (@ANI) November 2, 2022
दरअसल सचिन पायलट ने पीएम मोदी द्वारा सीएम गहलोत की प्रशंसा को कुछ दिनों पहले पार्टी छोड़ चुके गुलाम नबी आजाद के प्रकरण से जोड़ते हुए तीखा व्यंग्य किया। सचिन पायलट ने कहा, "मुझे पीएम मोदी ने कल सीएम गहलोत की प्रशंसा की है, यह बहद दिलचस्प है क्योंकि पीएम ने संसद में गुलाम नबी आजाद की भी इसी तरह प्रशंसा की थी। उसके बाद हमने देखा कि क्या हुआ। इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।"
वैसे यह बात तो ठीक रही लेकिन सचिन पायलट ने पीएम मोदी और सीएम गहलोत के इस प्रकरण के साथ राजस्थान कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर हुए सियासी बवाल पर जो बयान दिया, वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गहरे तक चुभ गया।
सचिन पायलट ने राज्य कांग्रेस और सरकार में हुए घमासान पर कहा, "जहां तक राजस्थान विवाद का सवाल है तो 25 सितंबर को बुलाई गई सीएलपी बैठक नहीं हो सकी। एआईसीसी ने इसे अनुशासनहीनता का मामला माना है, नियम सभी के लिए समान है। इसलिए यदि अनुशासनहीनता है तो कार्रवाई की जानी चाहिए। मुझे विश्वास है कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन प्रमुख खड़गे इस संबंध में जल्द ही निर्णय लेंगे।"
सीएम अशोक गहलोत को सचिन पायलट का यही बयान रास नहीं आया और उन्होने सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन परोक्ष रूप से उन्हें अपनी सीमा में रहने की चेतावनी दे दी है। मालूम हो कि कांग्रेस में हुए अध्यक्ष पर के चुनाव में अशोक गहलोत प्रमुख दावेदार बनकर उभरे थे और यहां तक कहा जा रहा था कि गांधी परिवार को अशोक गहलोत का समर्थन प्राप्त है। लेकिन राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत खेमा उनके दिल्ली जाने की सूरत में सचिन पायलट को बतौर मुख्यमंत्री स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था। इस कारण गहलोत खेमे के विधायकों ने बगावत कर दी और पार्टी से इस्तीफा देने की धमकी दे दी थी।
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नहीं चाहता था कि ऐसा कोई विवाद हो औऱ पार्टी की छवि खराब हो लेकिन विवाद को शांत कराने में उसे अपनी पूरी ताकत लगानी पड़ी और बाद में यह तय किया गया कि अशोक गहलोत कांग्रेस प्रमुख की रेस से बाहर कर दिये जाएं और राजस्थान में ही अपनी सत्ता को संभालते रहें।