आशीष देशमुख ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, सार्वजनिक किए जाने से आलाकमान नाराज, महाराष्ट्र कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी तेज
By शीलेष शर्मा | Published: August 27, 2021 06:21 PM2021-08-27T18:21:39+5:302021-08-27T18:22:42+5:30
कांग्रेस में नियुक्त किये गये महासचिव आशीष रंजीत देशमुख ने अघाड़ी सरकार में मंत्री सुनील केदार के खिलाफ मोर्चा खोल कर सोनिया गांधी को पत्र लिखा।
नई दिल्लीः पंजाब ,छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद महाराष्ट्रकांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी जोर पकड़ती नज़र आ रही है।
कल ही प्रदेश कांग्रेस में नियुक्त किये गये महासचिव आशीष रंजीत देशमुख ने अघाड़ी सरकार में मंत्री सुनील केदार के खिलाफ मोर्चा खोल कर सोनिया गांधी को जो पत्र लिखा उसके सार्वजनिक किये जाने से पार्टी नेतृत्व खासा नाराज़ है। उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान इसे आंतरिक गुटबाज़ी का नतीज़ा मान रहा है।
पार्टी के सचिव प्रणव झा ने इसे पुराना मामला बताते हुए टिप्पणी की कि पार्टी में लोकतंतंत्रिक व्यवस्था है तथा किसी को अपनी बात पार्टी फ़ोरम पर रखने का अधिकार है लेकिन पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र को सार्वजनिक करने को नेतृत्व स्वीकार नहीं करता।
पार्टी के प्रभारी एच के पाटिल भी मानते हैं कि सार्वजनिक रूप से सरकार में शामिल मंत्री के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाज़ी को पार्टी स्वीकार नहीं करती। किसी भी शिकायत के लिये पार्टी का मंच है जिसमें कोई नेता अपनी बात रख सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सके। लोकमत ने राज्य सरकार में मंत्री सुनील केदार से उनका पक्ष जब जानना चाहा तो उन्होंने टिप्पणी की कि वह अपनी बात पार्टी फोरम में रखेंगे। सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
आशीष देशमुख का तर्क था कि वह इन मुद्दों को पहले से उठाते रहे हैं ,लेकिन उन्होंने नेतृत्व के इस सवाल का कोई जबाब नहीं दिया। पार्टी फोरम की जगह उन्होंने सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को क्यों उठाया। सूत्र बताते हैं कि आशीष के पत्र के पीछे कांग्रेस के ही कुछ नेताओं का हाथ है।
इधर महाराष्ट्र के एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने खुलासा किया कि भाजपा से कांग्रेस में आए आशीष देशमुख फिर से भाजपा में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। केवल भाजपा नेतृत्व का विश्वास जीतने के लिए वह लगातार अघाड़ी सरकार के खिलाफ बयानबाज़ी करते रहे हैं।
वह वास्तव में सावनेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर केदार के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इस पूर्व मंत्री का दावा था कि आशीष जल्दी ही भाजपा में चले जायेंगे। फिलहाल पार्टी नेतृत्व इस बात का पता लगा रहा है कि आशीष के सोनिया को लिखे पत्र का वास्तविक मकसद क्या है तथा किसके इशारे पर यह पत्र लिखा गया है।