सेक्युलर पर असदुद्दीन ओवैसी ने उद्धव ठाकरे को दी सीख, कहा-समझे, GDP पर PM पर उठाए सवाल
By स्वाति सिंह | Published: November 30, 2019 02:14 PM2019-11-30T14:14:33+5:302019-11-30T14:14:33+5:30
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से जब मीडिया ने सेक्युलर को लेकर सवाल पूछा तो वे भड़क उठे, उनके इस बर्ताव के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें सलाह दी है
आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सेक्युलर पर सलाह दी है। दरअसल, मीडिया द्वारा सेक्युलर को लेकर पूछे गए सवाल पर उद्धव ठाकरे भड़क गए थे।
इसपर ओवैसी एक खबर को रीट्वीट करते हुए लिखा 'अरे ये ऐसा दार्शनिक सवाल नहीं है, जिसमें गहन ध्यान (सोचने)की आवश्यकता है। अपने खुद के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से शब्दों का अर्थ पूछना ठीक नहीं है। वैसे भी कुछ ज्ञान ले लीजिये....इसका मतलब ((सेक्युलर) है: कोई हिंदू राष्ट्र नहीं और अलग-अलग आस्थाओं को मानने वालों के बीच कोई भेदभाव नहीं'। इस ट्वीट के साथ ही ओवैसी ने उद्धव ठाकरे के कार्यालय को टैग किया।
इसके साथ ही जीडीपी में गिरावट को लेकर ओवैसी ने पीएमओ पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा 'बिजनेस बंद हो गए हैं, युवा बेरोजगार हैं और परिवार अत्यधिक वित्तीय तनाव में हैं। वृद्धि का ने उपाय का कारण ये है-
- एनआरसी
- अनुच्छेद 370
-रेलियन आधारित नागरिकता
2013 के बाद से सबसे कम जीडीपी, ये भी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि अर्थव्यवस्था संकट में है। इस ट्वीट के साथ ओवैसी ने पीएमओ को टैग किया है।
Arre @OfficeofUT it isn’t a philosophical question that requires deep meditation. It’s a bad look to ask meanings of words from your own Common Minimum Program. Anyway, take some gyan. It means:
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 29, 2019
-No Hindu Rashtra
-No discrimination between faiths
Samjhey?https://t.co/Mex1mosSvw
बता दें कि सरकार के विभिन्न प्रयासों के बावजूद अर्थव्यवस्था नरमी के दलदल में फंसी हुई है। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन घटने और निजी निवेश कमजोर होने से आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गयी। यह आर्थिक वृद्धि का छह साल का न्यूनतम आंकड़ा है।Businesses have shut down, youth are unemployed & families are under immense financial stress
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 29, 2019
This is why the new measure of growth is:
- NRC
- Article 370
-Religion based citizenship
Lowest GDP since 2013 & @PMOIndia isn’t even willing to admit that the economy is in crisis
वहीं दूसरी तरफ आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत घटा। यह कम-से-कम 2005 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी। वहीं चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी। जीडीपी वृद्धि में गिरावट की बड़ी पजह विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन में 1 प्रतिशत की गिरावट का आना है।