औवेसी ने अमित शाह पर छोड़ा 'सुतली बम', बीजेपी से और खिसक सकते हैं मुस्लिम वोटर
By जनार्दन पाण्डेय | Published: November 8, 2018 01:14 PM2018-11-08T13:14:59+5:302018-11-08T13:14:59+5:30
तेलंगाना में बीजेपी अपनी जमीन तलाश रही है। जबकि असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी को जड़ उखाड़ने की ताक में है।
ऑल इंडिया मजलिश-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन आवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि अमित शाह कांग्रेस मुक्त भारत नहीं बनाना चहाते, बल्कि अमित शाह भारत को मुसलमान मुक्त भारत बनाना चाहते हैं।
ओवैसी का यह बयान गुरुवार को एक सवाल के जवाब में देते हुए सुना जा रहा है। यह कहते हुए वीडियोक्लिप वायरल हो रही है। औवसी ने आरोप लगाया कि अमित शाह देश से मुसलमानों को अलग थलग करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे देश से मुसलमानों को भगाना चाहते हैं।
ऐसे में जब तेलंगाना में बीजेपी अपनी जमीन तलाश रही है वहां इस बयान के बाद सियासत और गरमा गई है। बीजेपी ने पिछले चुनाव में तेलंगाना की 119 सीटों में 5 सीटें जीतने में सफल रही थी। जबकि ओवैसी की एआईएमआईएम को 7 सीटें मिली थीं।
उल्लेखनीय है इन दिनों तेलंगाना में विधानसभा चुनाव को लेकर ओवैसी चुनावी मैदान में कूद गए हैं और राज्य में बीजेपी-कांग्रेस और तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के खिलाफ जमकर आग उगल रहे हैं। उन्होंने अपनी एक रैली के दौरान कहा, चंद्रबाबू नायडू मुसलमानों के हितैषी नहीं हो सकते। वे ऐसे हर मौके पर बीजेपी के साथ रहे जब मुसलमानों के साथ अत्याचार हुए।
ओवैसी ने संयुक्त मोर्चा के गठन के लिए नायडू की साख पर उठाये सवाल
एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी गठबंधन के वास्ते पहल करने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की साख पर गुरूवार को सवाल उठाते हुए कहा कि वह हाल तक और 2002 के ‘‘गुजरात दंगों’’ के दौरान भाजपा के एक समर्थक थे।
उन्होंने कहा कि नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) उस समय नरेन्द्र मोदी सरकार का हिस्सा थी जब छात्र रोहित वेमुला, मोहम्मद अखलाक (लिंचिंग पीड़ित) की मौत हुई।
ओवैसी ने ट्वीट किया,‘‘2002 में गुजरात दंगों के समय एनसीबीएन ने भाजपा का समर्थन किया। जब अखलाक, रोहित, जुनैद, अलीमुद्दीन की हत्या की गई तो उस समय वह पीएमओ इंडिया कैबिनेट के एक हिस्सा थे, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले के कार्यकाल के दौरान कई सांप्रदायिक दंगे हुए, मुठभेड़ में अजीज और आजम की हत्या हुई और अब वह धर्मनिरपेक्षता के रक्षक है। वाह।’’
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के बाद इस साल के शुरू में राजग से अलग होने वाले नायडू भगवा पार्टी के खिलाफ एकजुटता के साथ लड़ने के लिए गैर-भाजपा दलों के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे है।
(समाचार भाषा के इनपुट के साथ)