नागरिकता संशोधन बिल को कानून बनने के बाद गुवाहाटी समेत पूरे असम में विरोध प्रदर्शन जारी है। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अनुसार, विरोध प्रदर्शन में अब तक 3 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा, 27 लोग घायल हुए हैं। दरअसल, सांसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 पारित होने के बाद असम के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, और 12 दिसंबर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह अधिनियम बन कानून बन गया है।
बता दें कि देश भर में जारी विरोध के बीच नागरिकता संशोधन कानून को लेकर खड़े हुए सियासी बवाल के बीच राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख सैयद गयूरुल हसन रिजवी ने शनिवार को कहा कि यह मुस्लिम विरोधी नहीं है और भारतीय मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे घुसपैठिये या शरणार्थी नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से अपेक्षा है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लाने पर वह इस बात का ध्यान रखेगी कि भारतीय मुसलमानों को कोई परेशानी नहीं हो।
रिजवी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह कानून अल्पसंख्यक विरोधी नहीं है। पारसी, ईसाई, सिख, जैन और बौद्ध भी अल्पसंख्यक हैं। कुछ राजनीतिक लोग कह रहे हैं कि यह मुस्लिम विरोधी है लेकिन यह मुस्लिम विरोधी नहीं है। भारत के मुसलमानों के बारे में इस विधेयक में कुछ नहीं कहा गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां के मुसलमानों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुसलमानों से क्या लेना देना है? हम तो भारतीय मुसलमान हैं। भारतीय मुसलमान को डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। भारतीय मुसलमानों को इससे कोई खतरा नहीं है।’’
अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख ने कहा, "यहां के मुसलमान घुसपैठिये नहीं हैं। यहां का मुसलमान सम्मानित नागरिक है और इसको यहां से निकालने का कोई सवाल नहीं है। गृह मंत्री ने भी यही बात कही है।’’ एनआरसी को लेकर मुस्लिम समाज में भय होने के सवाल पर रिजवी ने कहा, ‘‘ निश्चित तौर पर जब एनआरसी आएगी तो सरकार से अपेक्षा है कि वह इस पर जरूर ध्यान देगी कि भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।’