अरविंद केजरीवाल को उत्तराखंड में लगा भारी झटका, विधानसभा चुनाव में 'आप' के सीएम चेहरा रहे कर्नल अजय कोठियाल हुए बीजेपी में शामिल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 25, 2022 02:58 PM2022-05-25T14:58:03+5:302022-05-25T14:58:03+5:30
'आप' के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जिस रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को 'आप' का सीएम चेहरे बनाया था, उन्होंने राजनीति पलटी मारते हुए भाजपा को ज्वाइन कर लिया है।
देहरादून: पंजाब और दिल्ली में परचम लहरा रही आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड में बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जिस रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को 'आप' का सीएम चेहरे बनाया था, उन्होंने राजनीति पलटी मारते हुए 'आप' को अंतिम नमस्कार कर दिया है।
जी हां, रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कंधे को मजबूत करने के लिए भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये हैं। बीते फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल जिस पुष्कर सिंह धामी सरकार को कोस रहे थे, आज उसी के शरणागत हो गये हैं।
मजेदार बात यह है कि मंगलवार को जब रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल के भाजपा में शामिल होने की प्रक्रिया को पूरा किया गया तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी राज्य भाजपा प्रमुख मदन कौशिक के साथ उपस्थत थे।
कर्नल अजय कोठियाल ने 18 मई को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। कहा जा रहा है कि उत्तराखंड में मिली चुनावी हार के बाद 'आप' के द्वारा किए जा रहे व्यवहार से कर्नल अजय कोठियाल नाराज चल रहे थे।
'आप' ने उत्तराखंड चुनाव में 70 विधानसभा सीटों को जितने के लिए जिस कर्नल अजय कोठियाल पर बडज़ा दांव खेला था अब वो ही आप को गच्चा दे बैठे और उस पार्टी में शामिल हो गये, जिसके विरोध में खुद प्रचार कर रहे थे।
लेकिन उत्तराखंड की जनता ने आप को सिरे से खारिज कर दिया था और इसका सबसे प्रमाण था कि आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल स्वयं गंगोत्री निर्वाचन क्षेत्र से अपनी चुनावी जमानत गवां बैठे थे।
हालांकि आप ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में पंजाब में बेहतर प्रदर्शन किया था और वहां पर सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी अकाली दल को चारों खाने चित करते हुए शानदार तरीके से सरकार बनाई। लेकिन यूपी, गोवा और उत्तराखंड में पूरी ताकत झोंकने के बावजूद अरविंद केजरीवाल को उन प्रदेशों की जनता खारिज कर दिया था। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)