दिल्ली में चढ़ा सियासी पारा, आबकारी नीति की CBI जांच पर केजरीवाल बोले- मैं कहता रहा हूं, वे सिसोदिया को गिरफ्तार करेंगे पर डर नहीं
By विनीत कुमार | Published: July 22, 2022 01:29 PM2022-07-22T13:29:03+5:302022-07-22T13:37:34+5:30
दिल्ली की नई आबकारी नीति के सीबीआई जांच की उपराज्यपाल द्वारा सिफारिश के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र और भाजपा पर भी निशाना साधा है। केजरीवाल ने कहा कि 'आप' को आगे बढ़ने से रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली: देश की राजधानी नई दिल्ली में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव तेज हो गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों को लेकर सीबीआई से जांच की सिफारिश पर मुख्यमंत्री की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के आरोपों को गलत बताते हुए भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा, 'मैं कहता रहा हूं कि वे मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करेंगे। भारत में अब एक नया सिस्टम काम कर रहा है। उन्हें जिसे भी जेल भेजना होता है, वे एक फर्जी केस बना देते हैं। ये केस फर्जी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।'
'हम भगत सिंह के लोग, जेल जाने से नहीं डरते'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'तुम (बीजेपी) सावरकर के फॉलोअर्स हो जिन्होंने ब्रिटिश से माफी मांगी थी। हम भगत सिंह के लोग हैं जिन्होंने अंग्रेजों के सामने सरेंडर से इनकार कर दिया था और अपना बलिदान दिया था। हम जेल जाने से नहीं डरते।'
बकौल केजरीवाल, 'हम जेल से नहीं डरते, न फंदे से डरते हैं। उन्होंने हमारे लोगों के खिलाफ कई केस बनाए हैं। 'आप' पंजाब में अपनी जीत के बाद से आगे बढ़ रही है। वे हमें राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ते हुए नहीं देख सकते हैं इसलिए वे इस तरह के उपायों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन हमें कुछ नहीं रोक सकता।'
आबकारी नीति की CBI जांच, क्या है पूरा मामला
दरअसल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन को लेकर इसकी सीबीआई से जांच की सिफारिश कर दी। इसे ही लेकर पूरा विवाद शुरू हुआ है। आबकारी विभाग की जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया के पास है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की इस महीने की शुरुआत में सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है। इस रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम, 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 और दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के उल्लंघनों का पता चलता है।
रिपोर्ट में ‘शराब के ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ’ देने के लिए ‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियागत खामियां करने’ का जिक्र है। नयी आबकारी नीति 2021-22 पिछले साल 17 नवंबर से लागू की गई थी, जिसके तहत 32 मंडलों में विभाजित शहर में 849 ठेकों के लिए बोली लगाने वाली निजी संस्थाओं को रिटेल लाइसेंस दिए गए।
इसमें कई शराब की दुकानें खुल नहीं पाए। ऐसे कई ठेके नगर निगम ने सील कर दिए। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इस नीति का विरोध किया था और इसकी जांच के लिए उपराज्यपाल के साथ केंद्रीय एजेंसियों में शिकायत दर्ज कराई थी।