आम आदमी पार्टी को चुनाव आयोग ने गोवा में दी मान्यता, अब 'राष्ट्रीय पार्टी' बनने से बस एक कदम है दूर
By मनाली रस्तोगी | Published: August 9, 2022 05:04 PM2022-08-09T17:04:03+5:302022-08-09T17:06:33+5:30
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि पार्टी को दिल्ली और पंजाब के बाद अब गोवा में भी मान्यता मिल गई है।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी है। यही नहीं, केजरीवाल का कहना है कि पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी घोषित किए जाने से बस एक कदम दूर है। भारत के चुनाव आयोग द्वारा आप को गोवा में भी एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता देने के बाद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को बधाई दी।
उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "दिल्ली और पंजाब के बाद अब आप गोवा में भी राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त पार्टी है। अगर हमें एक और राज्य में मान्यता मिल जाती है, तो हमें आधिकारिक तौर पर "राष्ट्रीय पार्टी" घोषित कर दिया जाएगा। मैं प्रत्येक स्वयंसेवक को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई देता हूं। आप और उसकी विचारधारा में विश्वास रखने के लिए मैं लोगों को धन्यवाद देता हूं।"
After Del n Punjab, AAP is now a state recognised party in Goa too. If we get recognised in one more state, we will officially be declared as a “national party”
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 9, 2022
I congratulate each and every volunteer for their hard work. I thank the people for posing faith in AAP n its ideology pic.twitter.com/7UmsIixF0v
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए भारत में एक राजनीतिक दल को इन तीन मानदंडों में से किसी एक को पूरा करना चाहिए- किसी भी 4 राज्यों में से प्रत्येक में पिछले विधानसभा चुनावों में 6 प्रतिशत वोट शेयर, साथ ही पिछले लोकसभा चुनावों में 4 सीटें; या पिछले ऐसे चुनाव में सभी लोकसभा सीटों का 2 प्रतिशत, जिसमें कम से कम 3 राज्यों से सांसद चुने गए हों; या कम से कम 4 राज्यों में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता।
जन लोकपाल आंदोलन के तुरंत बाद 2012 में स्थापित आम आदमी पार्टी 2013 के दिल्ली चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने के लिए आगे बढ़ी। कांग्रेस के समर्थन की कमी के कारण भ्रष्टाचार विरोधी जन लोकपाल विधेयक पारित करने में विफल रहने के बाद सरकार ने 49 दिनों में इस्तीफा दे दिया।