सरकारी सुविधाओं का त्यागकर अरुण जेटली ने पेश की नजीर
By नितिन अग्रवाल | Published: June 26, 2019 07:29 AM2019-06-26T07:29:14+5:302019-06-26T07:29:14+5:30
ज्यादातर नेता भले ही जीवनभर सरकारी सुविधाओं का लाभ लेते रहना चाहते हों, लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरु ण जेटली ने इस मामले में नजीर पेश की है. स्वास्थ्य कारणों से सरकार में मंत्री पद लेने से इनकार करने के बाद उन्होंने राज्यसभा का सदस्य रहते हुए भी अपने सरकारी आवास की सुविधा को स्वेच्छा से को छोड़ दिया है.
जेटली वित्त मंत्री के तौर पर आवंटित 2 कृष्णमेनन मार्ग के बंग्ले को खाली कर कैलाश कॉलोनी स्थित अपने निजी आवास में शिप्ट हो गए हैं. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे इलाज के दौरान सरकारी आवास की सुविधा लेते रहने का अग्रह भी किया था. मोदी ने यहां तक कहा कि एक सलाहकार के तौर पर उनकी जरूरत है. उनसे कहा गया कि वह बिना पद के मंत्री बने रहें, लेकिन जेटली ने इससे भी इनकार कर दिया और जिद करके सरकारी आवास को छोड़ दिया.
हालांकि 2018 में राज्यसभा के सदस्य बने जेटली का कार्यकाल 2024 तक है. कानूनन वह इन सुविधाओं को बरकरार रख सकते थे. उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के दौरान खराब स्वास्थ्य के बावजूद जेटली ने भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार की भूमिका निभाई. लेकिन चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत के बावजूद जेटली ने सरकार के गठन से पहले ही प्रधानमंत्री से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने का आग्रह कर दिया था.
सरकार ने स्मारकों की परंपरा को नहीं बढ़ाया
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद 6 कृष्णमेनन मार्ग में उनका स्मारक बनाने की मांग को भी भाजपा ने नकार दिया. नेताओं के नाम पर स्मारक बनाने की परंपरा को प्रोत्साहित नहीं करने की नीति का पालन करते हुए मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह और बाबू जगजीवन राम के स्मारकों को भी मंजूरी नहीं दी थी.