अरुण जेटली ने कांग्रेस को घेरा, कहा- 'फर्जी सबूतों के आधार पर कांग्रेस ने गढ़ी थी हिंदू आतंकवाद की थ्योरी'
By पल्लवी कुमारी | Published: March 29, 2019 02:14 PM2019-03-29T14:14:09+5:302019-03-29T14:14:37+5:30
अरुण जेटली ने कहा, यूपीए सरकार ने जानकारियों को नजरअंदाज किया। आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश नहीं किए गए। 2007, 2008, 2009 में जांच हुई लेकिन सबूत नहीं सौंपे गए थे।
समझौता ब्लास्ट बम धमाका केस को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा, राजनीतिक लाभ लेने के लिए कांग्रेस ने फर्जी थ्योरी बनाई और हिंदू आतंकवाद बोलकर पूरे हिंदू समाज को कलंकित किया गया। उन्हें पूरे समाज से माफी मांगनी चाहिए।'
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने जानबूझ कर हिंदू आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया है। विपक्ष को वोट के लिए ऐसी घटिया साजिश नहीं करनी चाहिए। समझौता ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट ने स्वामी असीमानंद सहित चारों आरोपियों को बरी किया है।
जेटली ने कहा, 'यूपीए और कांग्रेस के कार्यकाल में जब कोई सबूत नहीं था, तब हिंदू आतंकवाद बोलकर, हिंदू समाज को कलंकित कर देना इतिहास में पहली बार हुआ। इस तरह के 3-4 मुकदमे बनाए गए, जिसमें से एक भी टिक नहीं पाया।'
A Jaitley: Congress coined 'Hindu terror'&filed cases based on fake evidence to create this theory but in the end court has to take decision.Perhaps because of this, those who considered Hindus as terrorists are now trying to prove their devotion towards religion. #SamjhautaBlastpic.twitter.com/9vdobNf1mX
— ANI (@ANI) March 29, 2019
जेटली ने कहा, यूपीए सरकार ने जानकारियों को नजरअंदाज किया। आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश नहीं किए गए। 2007, 2008, 2009 में जांच हुई लेकिन सबूत नहीं सौंपे गए थे।
राजनीतिक लाभ लेने के लिए कांग्रेस ने फर्जी थ्योरी बनाई और हिंदू आतंकवाद बोलकर पूरे हिंदू समाज को कलंकित किया गया। उन्हें पूरे समाज से माफी मांगनी चाहिए: श्री @arunjaitley
— BJP (@BJP4India) March 29, 2019
समझौता ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट ने स्वामी असीमानंद सहित चारों आरोपियों को बरी किया था
मझौता ब्लास्ट केस में पंचकुला स्पेशल एनआईए (NIA) कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी चार आरोपियों को 20 मार्च को बरी कर दिया था। NIA कोर्ट ने समझौता ब्लास्ट केस के सभी चार आरोपियों स्वामी असीमानंद सहित लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बरी किया है। इस केस की जांच एसआईटी कर रही थी। इस हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी।
भारत-पाकिस्तान के बीच हर हफ्ते दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था। हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं दर्जनों लोग घायल हो गए थे। ट्रेन नई दिल्ली से लाहौर जा रही थी। धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवेकर्मी भी शामिल थे।