राफेल विवाद: कांग्रेस ने CAG पर उठाए सवाल, जेटली बोले- सिब्बल के सारे आरोप झूठे
By भाषा | Published: February 10, 2019 11:37 PM2019-02-10T23:37:14+5:302019-02-10T23:37:14+5:30
कांग्रेस ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 36 राफेल विमानों की खरीद में ‘‘राष्ट्रहित’’ एवं ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा’’ से समझौता किया है। पार्टी ने कहा कि सीएजी का संवैधानिक एवं वैधानिक कर्तव्य है कि वह राफेल करार सहित सभी रक्षा अनुबंधों का फॉरेंसिक ऑडिट करे।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘‘झूठ” के आधार पर कैग की संस्था पर आक्षेप लगा रही है। इससे पहले कांग्रेस ने राजीव महर्षि से खुद को राफेल सौदे की ऑडिटिंग से अलग करने की अपील की थी क्योंकि वह तत्कालीन वित्त सचिव के तौर पर इससे संबंधित वार्ता का हिस्सा थे।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि महर्षि का संसद में राफेल पर रिपोर्ट पेश करना अनुचित होगा। सोमवार को संसद में विवादित राफेल करार पर कैग रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है।
जेटली ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके कहा, “ ‘संस्थानों को बर्बाद करने वालों’ द्वारा झूठ को आधार बनाकर कैग की संस्था पर एक और हमला। दस साल सरकार में रहने के बावजूद संप्रग सरकार के पूर्व मंत्रियों को अब तक नहीं पता कि वित्त सचिव महज एक पद है जो वित्त मंत्रालय के वरिष्ठतम सचिव को दिया जाता है।”
After ten years in Government former UPA ministers still don’t know that Finance Secretary is only a designation given to the senior most secretary in the finance ministry.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 10, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इससे पहले कहा था कि महर्षि 24 अक्टूबर 2014 से लेकर 30 अगस्त 2015 तक वित्त सचिव थे और इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अप्रैल 2015 को पेरिस गए और राफेल करार पर दस्तखत की घोषणा की। ’’
Another attack on the institution of GAG by the ‘Institution wreckers’ based on falsehood.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 10, 2019
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘..वित्त मंत्रालय इन वार्ताओं में अहम भूमिका निभाता है....अब स्पष्ट है कि राफेल करार राजीव महर्षि के इस कार्यकाल में हुआ। अब वह सीएजी के पद पर हैं। हमने 19 सितंबर 2018 और चार अक्टूबर 2018 को उनसे मुलाकात की। हमने उन्हें घोटाले के बारे में बताया। हमने उन्हें बताया कि करार की जांच होनी चाहिए क्योंकि यह भ्रष्ट तरीके से हुआ। लेकिन वह अपने ही खिलाफ कैसे जांच करा सकते हैं?’’
इलाज के बाद अमेरिका से लौटे जेटली ने कहा कि वित्त सचिव वित्त मंत्रालय के वरिष्ठतम सचिव को दिया जाने वाला पद है और राफेल फाइल की प्रक्रिया में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, “सचिव (आर्थिक मामलों के) की रक्षा मंत्रालय के व्यय संबंधी फाइलों में कोई भूमिका नहीं होती। रक्षा मंत्रालय की फाइलों को सचिव (व्यय) देखते हैं।”