अरुण जेटली ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा-पार्टी के पास सिर्फ मोदी विरोध एक मात्र एजेंडा
By स्वाति सिंह | Published: June 13, 2018 08:00 PM2018-06-13T20:00:38+5:302018-06-13T20:00:38+5:30
केंदीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अब कांग्रेस के पास अपनी कोई विचारधारा नहीं बची है, पार्टी की विचारधारा अब केवल पीएम मोदी का विरोध करना रह गया है।
नई दिल्ली, 13 जून: केंदीय मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को पीएम मोदी पर की जा रही टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस विशेष कर राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के पास अपनी कोई विचारधारा नहीं बची है, पार्टी की विचारधारा अब केवल पीएम मोदी का विरोध करना रह गया है। जेटली ने कहा 'राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी के विरोध की लत लग गई है। सिर्फ मोदी विरोध करना ही एक मात्र एजेंडा रह गया है। '
Is Congress Becoming Ideologyless? Is Anti-Modism its only ideology? https://t.co/YRHKRy0Uyt
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 13, 2018
Recent statements of Congress leaders show lack of ideological pattern. Ignorance with anti-Modism is a common thread. Dynastic political parties are family & personality dominated. Ideology takes a back seat and ignorance flourishes.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 13, 2018
अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक पोस्ट के द्वारा यह सब बाते कही है। उन्होंने लिखा 'कुछ दिन पहले ही कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने कहा था कि पकौड़ा तलना रोजगार सृजन नहीं है। लेकिन वह पीएम द्वरा शुरू हुई मुद्रा योजना की सफलता की कहानी को कम करना चाहते है। मुद्रा योजना के अंतर्गत कमजोर वर्ग के लोगों को स्वरोजगार के लिए अभी तक 12। 90 करोड़ रुपये लोन दिए जा चुके थे। इसके अलावा लगभग 6 लाख करोड़ रुपये लोन दिए जा चुके हैं। जिससे यह साफ़ है कि उन लाखों लोगों को नए काम को शुरू करने का अवसर मिला जिससे रोजगार का सृजन हुआ है।
Recent statements of Congress leaders show lack of ideological pattern. Ignorance with anti-Modism is a common thread. Dynastic political parties are family & personality dominated. Ideology takes a back seat and ignorance flourishes.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 13, 2018
इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि वंशवाद वाली राजनैतिक पार्टियां अपने परिवार के हिसाब से काम करती हैं, और वंशवाद वाली पार्टियों की अपनी कोई विचारधारा नहीं होती। वह केवल अपने फायदे के हिसाब से आप कभी पिछड़ा वर्ग का विरोध करते हैं और कभी घड़ियाली आंसू बहाने लगते हैं।