अनुच्छेद 370ः विपक्ष ने कहा-कश्मीर में करीब दो महीने से लगी ‘‘पाबंदियों’’ को प्रशासन ने हटाया, हम स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं
By भाषा | Published: October 2, 2019 07:00 PM2019-10-02T19:00:51+5:302019-10-02T19:00:51+5:30
अधिकारियों ने कहा कि ये महज ‘‘खुद से लगाई गईं’’ पाबंदियां थीं। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को खत्म करने की घोषणा के बाद पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था।
जम्मू में गैर भाजपा दलों के नेताओं ने बुधवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद उन पर करीब दो महीने से लगी ‘‘पाबंदियों’’ को प्रशासन ने हटा लिया है।
वहीं अधिकारियों ने कहा कि ये महज ‘‘खुद से लगाई गईं’’ पाबंदियां थीं। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को खत्म करने की घोषणा के बाद पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था।
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री रमन भल्ला ने बताया, ‘‘हमें एक थाना प्रभारी ने बताया कि मुझ पर लगी पाबंदियां हटा ली गई हैं और अब मैं स्वतंत्र रूप से घूम सकता हूं।’’ नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के नेता और पूर्व विधायक देवेन्द्र सिंह राणा ने कहा, ‘‘पुलिस ने मुझे बताया है कि मैं किसी भी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा लेने के लिए स्वतंत्र हूं क्योंकि हमारे ऊपर लगी पाबंदियां हटा ली गई हैं।’’ इस तरह के दावे करने वाले अन्य नेताओं में नेशनल कांफ्रेंस के जावेद राणा, एस एस सलाथिया और सज्जाद किचलू, कांग्रेस के विकास रसूल और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह शामिल हैं।
#Jammu: Panther Party's Harsh Dev Singh to ANI: I was detained on 5th Aug along with Raman Bhalla, Devender Rana, SS Salathia and Javed Rana. I was detained at my home. Yesterday, after 58 days, we have been allowed to go. We have been told that our statements will be monitored. pic.twitter.com/VU7Wwfstar
— ANI (@ANI) October 2, 2019
बहरहाल, जम्मू के संभागीय आयुक्त संजीव वर्मा ने कहा कि इन नेताओं को कभी भी हिरासत में नहीं लिया गया और वे राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए स्वतंत्र थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें कभी नहीं रोका... उन्होंने खुद से पाबंदियां लगा रखी थीं।’’
उन्होंने कहा कि देवेन्द्र सिंह राणा जम्मू के बाहरी इलाके में 29 सितम्बर को नवरात्र से जुड़े समारोहों में स्वतंत्र रूप से हिस्सा ले रहे थे और वे पहले भी स्वतंत्र रूप से घूम रहे थे। वर्मा ने कहा, ‘‘अगर नजरबंदी रहती तो वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा कैसे लेते।’’