जम्मू-कश्मीरः अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब प्रदेश में लागू होंगे 106 कानून और नौ संविधान संशोधन, जानिए कैसी है स्थिति?
By रामदीप मिश्रा | Published: October 9, 2019 08:36 AM2019-10-09T08:36:36+5:302019-10-09T08:36:36+5:30
जम्मू-कश्मीरः अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को कई लाभ मिलेंगे, जिससे वह अभी तक वंचित रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटने से पहले यहां केवल केंद्रीय कानून सीमित थे।
जम्मू-कश्मीर में प्रमुख बाजारों के बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारत रहने के कारण लगातार 65वें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा। सूबे से पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाया गया था। अब यहां 106 कानून और संविधान के नौ संविधान संशोधन लागू किए जाएंगे। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई है। इसके लिए सरकार ने अखबारों के पहले पृष्ठ पर विज्ञापन जारी किए हैं।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को कई लाभ मिलेंगे, जिससे वह अभी तक वंचित रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटने से पहले यहां केवल केंद्रीय कानून सीमित थे। किसी भी कानून को लागू करने के लिए पहले राज्य विधानसभा से उसे पारित कराना होता था उसके बाद ही लागू होता था। यही कारण रहा है कि कई कानून यहां लागू नहीं थे, जिसका नुकसान आमजन को उठाना पड़ा है।
उनके अनुसार, जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक अधिनियम, शिक्षा अधिकार अधिनियम, अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाब और कल्याण अधिनियम, अन्य अधिनियम बच्चों और दिव्यांगों के लिए लागू होंगे। प्रदेश में मजबूत कानूनों की कमी रही है, जिसके कारण भ्रष्टाचार और जवाबदेही कमजोर रही है, जिसके चलते पूरा धन गरीबों तक नहीं पहुंचा।
बता दें, जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के केन्द्र सरकार के पांच अगस्त के कदम के बाद से ही कश्मीर में पाबंदियां लगी हैं। यहां बीते दिन ऑटो-रिक्शा सहित कुछ निजी टैक्सियां और निजी वाहन शहर के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में सड़कों पर नजर आए। कई जगह कुछ रेड़ी पटरी वाले भी सड़क किनारे दिखे।
दशहरे पर सार्वजनिक अवकाश होने के कारण बंद का असर ज्यादा दिखा, क्योंकि सरकारी कर्मचारी नौकरी पर नहीं गए। घाटी में लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में मोबाइल सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से ही निलंबित हैं। पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्य धारा के कई नेता अब भी नजरबंद या हिरासत में हैं।