अनुच्छेद 370ः देश में सबसे बड़ा केंद्र शासित क्षेत्र होगा जम्मू-कश्मीर, जानिए दूसरे स्थान पर कौन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 5, 2019 20:46 IST2019-08-05T20:46:26+5:302019-08-05T20:46:26+5:30
जम्मू-कश्मीर के मुख्य राजनीतिक दलों पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी जबकि केन्द्र सरकार में सत्तारूढ़ भाजपा के खेमे में जश्न का माहौल है। भाजपा नेताओं का मानना है कि लद्दाख को केन्द्र शासित क्षेत्र घोषित करने की वहां के लोगों की मांग काफी समय से लंबित थी।

यह बात दीगर है कि इनकी संख्या हर राज्य में अलग अलग होती है। संसद सदस्यों की संख्या के लिहाज से दिल्ली अव्वल है।
जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शासित क्षेत्रों में बांटने की केन्द्र सरकार की पहल के लागू होने पर क्षेत्रफल के लिहाज से जम्मू कश्मीर के बाद लद्दाख देश का दूसरा सबसे बड़ा केन्द्र शासित क्षेत्र (यूटी) होगा।
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को केन्द्र सरकार द्वारा निष्प्रभावी घोषित किये जाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी एक विधेयक को राज्यसभा में सोमवार को मंजूरी मिली।
इस संबंध में जम्मू-कश्मीर के मुख्य राजनीतिक दलों पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी जबकि केन्द्र सरकार में सत्तारूढ़ भाजपा के खेमे में जश्न का माहौल है। भाजपा नेताओं का मानना है कि लद्दाख को केन्द्र शासित क्षेत्र घोषित करने की वहां के लोगों की मांग काफी समय से लंबित थी।
राज्यों की फेहरिस्त में दो राज्य जुड़ने का मार्ग प्रशस्त होने के बाद संघ शासित क्षेत्रों की संख्या नौ हो जायेगी। इनमें जम्मू कश्मीर और लद्दाख के अलावा दिल्ली, पुडुचेरी, दीव और दमन, दादर एवं नगर हवेली, चंडीगढ़, लक्षद्वीप और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। मौजूदा समय में सिर्फ दिल्ली और पुडुचेरी में विधानसभा हैं।
अब जम्मू-कश्मीर भी विधानसभा वाला तीसरा केन्द्र शासित क्षेत्र हो जायेगा। विधानसभा वाले संघ शासित क्षेत्र में केन्द्र के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की जगह उपराज्यपाल होता है। संघ शासित क्षेत्रों से संसद के दोनों सदनों के लिये भी सदस्य चुने जाते हैं। यह बात दीगर है कि इनकी संख्या हर राज्य में अलग अलग होती है। संसद सदस्यों की संख्या के लिहाज से दिल्ली अव्वल है। संसद में दिल्ली का प्रतिनिधित्व सात लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्य करते है।
लद्दाख के सांसद ने केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे की सराहना की
लद्दाख से भाजपा के लोकसभा सदस्य जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि इससे इलाके में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और सीमा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
नामग्याल ने संवाददाताओं से कहा कि आज के दोनों निर्णय देश के हित में हैं और इससे जम्मू और लद्दाख क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी तथा प्रदेश को दो परिवारों के शासन से छुटकारा मिलेगा । भाजपा सांसद ने कहा कि यह आम कश्मीरियों के भी हित में है।
नामग्याल ने कहा कि यह फैसला जम्मू कश्मीर के सम्पूर्ण विकास के लिये जरूरी था और यह राष्ट्र हित में है जो सीमा क्षेत्रों की सुरक्षा को मजबूत बनायेगा । उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोग 1948 के बाद से ही केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे की मांग कर रहे थे क्योंकि वे कश्मीर केंद्रित नेताओं के कारण भेदभाव का शिकार हो रहे थे । भाजपा सांसद ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी जैसे दलों के विरोध को नजरंदाज किया जाना चाहिए । उन्होंने आरोप लगाया कि इन दलों ने राज्य का परिवार के कारोबार के रूप में उपयोग किया ।