अनुच्छेद 370 पर रार जारी, जैसे को तैसा, अब डीटीसी ने दिल्ली-लाहौर बस सेवा रद की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 12, 2019 15:04 IST2019-08-12T15:04:33+5:302019-08-12T15:04:33+5:30
डीटीसी के एक बयान में कहा गया है, ‘‘ दिल्ली-लाहौर बस सेवा निलंबित करने के पाकिस्तान के फैसले के आलोक में डीटीसी 12 अगस्त से (दिल्ली से लाहौर के लिए) बस भेजने में समर्थ नहीं है।’’ पाकिस्तान के पर्यटन विभाग ने शनिवार को टेलीफोन करके डीटीसी को सोमवार से बस सेवा निलंबित करने की सूचना दी थी।

दिल्ली-लाहौर बस सेवा पहली बार फरवरी 1999 में शुरू हुई थी
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने दिल्ली-लाहौर बस सेवा सोमवार को रद्द कर दी। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इससे पहले पाकिस्तान ने भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद इस बस सेवा को बंद करने का फैसला किया था।
पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने शनिवार को इस मैत्री बस सेवा को सोमवार से निलंबित करने का ऐलान किया था। निगम के अधिकारी ने बताया कि डीटीसी की एक बस सोमवार को सुबह छह बजे लाहौर के लिए रवाना होने वाली थी लेकिन पाकिस्तान के बस सेवा निलंबित करने के निर्णय के कारण वह बस रवाना नहीं हुई।
Delhi Transport Corporation (DTC): Consequent to Pakistan's decision to suspend the Delhi - Lahore bus service, DTC is not able to send bus from August 12 pic.twitter.com/vBYAJP8yNm
— ANI (@ANI) August 12, 2019
डीटीसी के एक बयान में कहा गया है, ‘‘ दिल्ली-लाहौर बस सेवा निलंबित करने के पाकिस्तान के फैसले के आलोक में डीटीसी 12 अगस्त से (दिल्ली से लाहौर के लिए) बस भेजने में समर्थ नहीं है।’’ पाकिस्तान के पर्यटन विभाग ने शनिवार को टेलीफोन करके डीटीसी को सोमवार से बस सेवा निलंबित करने की सूचना दी थी।
लाहौर के लिए आखिरी बस शनिवार सुबह को दिल्ली से रवाना हुई थी जिसमें दो यात्री थे। वापसी में उसी दिन वह बस 19 यात्रियों को लेकर शाम को दिल्ली पहुंची थी। रविवार को बस नहीं चली थी। दिल्ली-लाहौर बस सेवा पहली बार फरवरी 1999 में शुरू हुई थी लेकिन 2001 में हुए संसद पर आतंकवादी हमले के बाद इसे निलंबित कर दिया गया था।
जुलाई, 2003 में यह फिर शुरू हुई थी। इस साल फरवरी में पुलवामा आतंकवादी हमले और फिर जवाब में बालाकोट हवाई हमले के बाद दोनों देशों के संबंध खराब होने के बाद यह बस सेवा वैसे तो चलती रही लेकिन उसमें बहुत कम यात्री होते थे।