लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल इस समय चर्चा के केंद्र में हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने एवं राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने से जुड़े विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल के भाषण की तारीफ की और उनकी पीठ थपथपाई।
नामग्याल ने कहा कि मैं फेसबुक अकाउंट पर अधिक फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं कर सकता, क्योंकि 5000 की सीमा पार हो चुकी है। तो कृपया इसे लाइक करें और मेरे आधिकारिक फेसबुक पेज से जुड़े रहें। टि्वटर पर भी इनके फॉलोवर्स की संख्या 1. 11 लाख से अधिक हो गए हैं।
प्रधानमंत्री ने लद्दाख के सांसद के भाषण की तारीफ की, पीठ थपथपाई
सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुए नामग्याल ने कहा कि लद्दाख के लोग पिछले सात दशकों से केंद्रशासित प्रदेश के दर्जे की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लद्दाख की भाषा, संस्कृति अगर लुप्त होती चली गयी तो इसके लिए अनुच्छेद 370 और कांग्रेस जिम्मेदार है।
सत्र की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नामग्याल प्रधानमंत्री के पास पहुंचे और फिर मोदी ने उनसे हाथ मिलाते हुए उनकी पीठ थपथपाई। इससे पहले मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ मेरे युवा दोस्त, लद्दाख से सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने जम्मू कश्मीर पर महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के दौरान शानदार भाषण दिया।
लद्दाख के हमारे भाइयों और बहनों की आंकाक्षा को सुसंगत रूप से प्रस्तुत किया। इसे अवश्य सुना जाना चाहिए।’’ इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी सदन में नामग्याल के भाषण की तारीफ की।
अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले से कांग्रेस की गलतियों को सुधारा जा रहा है : लद्दाख के भाजपा सांसद
लद्दाख से भाजपा के लोकसभा सदस्य जामयांग शेरिंग नामज्ञाल ने कांग्रेस और अन्य कुछ दलों पर इस क्षेत्र को जम्मू कश्मीर से अलग-थलग रखने और अन्याय करने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले से कांग्रेस की गलतियों को सुधारा जा रहा है।
जम्मू कश्मीर पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश संकल्प पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए नामज्ञाल ने कहा कि लद्दाख दशकों से भारत का अटूट अंग बनना चाहता था और केंद्रशासित प्रदेश बनने की मांग रख रहा था, लेकिन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस ने इस मांग पर कभी सुनवाई नहीं की। वहीं नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस सपने को आज पूरा किया है।
नामज्ञाल के भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और सत्ता पक्ष के सदस्यों को अनेक बार मेजें थपथपाते हुए देखा गया। लद्दाख के सांसद ने कहा कि आज का दिन इतिहास में प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा की गयी गलतियों को सुधार करने के तौर पर दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाये जाने के केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इसकी मांग दशकों से हो रही थी और सभी धर्मों , वर्गों के लोग इसकी मांग करते रहे लेकिन कांग्रेस ने इस पर सुनवाई नहीं की।
नामज्ञाल ने कहा, ‘‘लद्दाख ने 71 साल तक केंद्रशासित प्रदेश बनने के लिए संघर्ष किया। हम हमेशा से भारत का अटूट अंग बनना चाहते थे।’’ उन्होंने कहा कि लद्दाख की भाषा, संस्कृति अगर लुप्त होती चली गयी तो इसके लिए अनुच्छेद 370 और कांग्रेस जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस के सदस्य पूछ रहे थे कि अनुच्छेद 370 हटने से क्या होगा? नामज्ञाल ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि इससे ‘‘दो परिवारों की रोजी रोटी चली जाएगी। जबकि कश्मीर का भविष्य उज्ज्वल होने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दो परिवार कश्मीर के मुद्दे का समाधान नहीं चाहते। वे खुद समस्या का हिस्सा बन गये हैं। वे कश्मीर को अपनी जागीर समझते हैं।’’ भाजपा सांसद ने कहा कि पहली बार भारत के इतिहास में लद्दाख की जनता की आकांक्षाओं को सुना जा रहा है।
इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाये। उन्होंने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने इसके लिए बलिदान दिया। नामज्ञाल ने कहा कि 2011 में कांग्रेस नीत सरकार ने जम्मू और कश्मीर में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय दिये लेकिन लद्दाख की एक उच्च शिक्षा संस्थान की मांग तब भी पूरी नहीं की गयी।
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद इस क्षेत्र में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं, उन्होंने 370 का दुरुपयोग करते हुए कश्मीरी पंडितों को घाटी से बाहर निकाला। बौद्धों को खत्म करने की कोशिश की गयी।
नामज्ञाल ने कहा कि विपक्ष के लोग बार-बार करगिल की बात करते हैं लेकिन उन्हें जमीनी हकीकत नहीं पता। करगिल की 70 प्रतिशत जनता सरकार के फैसले का समर्थन कर रही है। नामज्ञाल के भाषण के बाद सदस्यों ने देर तक मेजें थपथपाकर उनकी प्रशंसा की। उनके आसपास बैठे सदस्यों ने भी उन्हें घेर लिया और शाबासी दी।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अरविंद सावंत ने भी युवा सदस्य के पास पहुंचकर उनकी पीठ थपथपाई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लद्दाख के युवा सांसद बड़ी दूर से आते हैं। सदन में जब भी बोलते हैं, अच्छा बोलते हैं, सारगर्भित बोलते हैं। सभी को इसकी सराहना करनी चाहिए। सत्तापक्ष के साथ ही विपक्ष के भी कई सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्पीकर की बात का स्वागत किया।