ब्रिटेन से भारत के लिए आठ जनवरी से हवाई यात्रियों का आगमन फिर शुरू हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एसओपी जारी कर कहा है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को अपनी कोविड-19 जांच की निगेटिव रपट साथ लानी होगी। हर यात्री को यात्रा से 72 घंटे पहले यह जांची करानी होगी। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के कारण भारत ने ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को 23 दिसम्बर से 31 दिसंबर तक निलंबित कर दिया था। बाद में, इस रोक को सात जनवरी तक बढ़ा दिया गया था।
उड्डयन मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत और ब्रिटेन के बीच आठ जनवरी 2021 से उड़ान सेवाएं फिर से शुरू होने पर प्रति सप्ताह केवल 30 उड़ानें ही संचालित होंगी और यह व्यवस्था 23 जनवरी तक जारी रहेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के एसओपी में कहा गया है, ‘यात्रियों को उड़ान में सवार होने देने से पहले एयरलाइंस कंपनियां उनकी कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करें।’ इसमें कहा गया है, ‘हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर जांच या उसकी रिपोर्ट के लिए इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
संक्रमित पाये गए यात्रियों को संबंधित राज्य के स्वास्थ्य प्राधिकारियों द्वारा समन्वित एक संस्थागत पृथक केंद्र में एक अलग (पृथक) इकाई में पृथक किया जाएगा।’ अगर जीनोम सीक्वेंसिंग से एसएआरएस-सीओवी-2 के नए प्रकार की मौजूदगी का पता चलता है, तो रोगी एक अलग पृथक इकाई में बना रहेगा।
ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए एसओपी के मुख्य बिंदु :
-यात्री के संक्रमित पाये जाने के 14 वें दिन दोबारा जांच की जाएगी। ऐसे यात्री को तब तक अन्य लोगों से अलग रखा जाएगा जब तक उसकी जांच रपट निगेटिव नहीं आती।
-कोई यात्री आगमन पर कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है तो यात्रियों की पंक्ति में बैठे यात्री, तीन पंक्ति आगे और तीन पंक्ति पीछे बैठे यात्रियों को अलग-अलग पृथक केंद्रों में संस्थागत पृथकवास में रखा जाएगा।
-हवाई अड्डे पर की गई जांच में कोविड-19 निगेटिव पाये जाने वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए घर पर पृथकवास की सलाह दी जाएगी और संबंधित राज्य या जिला प्रशासन को नियमित रूप से उनकी निगरानी करनी होगी।
-राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से एसओपी के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क स्थापित करने का अनुरोध किया गया है।