मास्क नहीं पहनने पर किया गया था गिरफ्तार: दिल्ली दंगा मामलों में आरोप मुक्त व्यक्ति के परिजन

By भाषा | Published: July 21, 2021 11:08 PM2021-07-21T23:08:37+5:302021-07-21T23:08:37+5:30

Arrested for not wearing mask: Kin of person freed in Delhi riots cases | मास्क नहीं पहनने पर किया गया था गिरफ्तार: दिल्ली दंगा मामलों में आरोप मुक्त व्यक्ति के परिजन

मास्क नहीं पहनने पर किया गया था गिरफ्तार: दिल्ली दंगा मामलों में आरोप मुक्त व्यक्ति के परिजन

नयी दिल्ली, 21 जुलाई कोविड लॉकडाउन के दौरान अपने दोस्त से मिलने जाने के लिए बिना मास्क लगाए सड़क पर निकले सुरेश को बहुत महंगा पड़ा और ना सिर्फ उसे बल्कि उसके परिवार को भी करीब 10 महीने तक ऐसे बुरे हालात से गुजरना पड़ा जिसका उन्हें अंदेशा भी नहीं था। सुरेश को दंगा करने सहित अन्य गंभीर आरोपों में जेल जाना पड़ा, लेकिन अंतत:, अदालत ने उसे आरोप मुक्त कर दिया है।

अदालत ने मंगलवार को उसे आरोप मुक्त कर दिया। लेकिन, उसे अपने जीवन के 10 महीने जेल में गुजारने पड़े। उसे पुलिस ने सात अप्रैल, 2020 को गिरफ्तार किया था और अदालत से जमानत उसे 25 फरवरी, 2021 को मिली।

सुरेश की बहन रेणु ने दावा किया कि पुलिस ने मास्क नहीं पहनने के कारण उसे पकड़ा था।

रेणु ने दावा किया, ‘‘लॉकडाउन लागू था और मेरे भाई को मास्क नहीं पहनने के कारण थाने ले जाया गया। जब हमारे माता-पिता थाने गए तो पुलिस ने उन्हें मास्क लगाने का महत्व बताते हुए डांट दिया।’’

उसने कहा, ‘‘अगले दिन वे लोग (माता-पिता) फिर थाने गए, लेकिन पता चला कि उसे (सुरेश) तिहाड़ भेज दिया गया है। दो महीने बाद हमें आरोपपत्र मिला, और आश्चर्य की बात थी कि हमें पता चला कि भाई के खिलाफ दंगों का आरोप लगाया गया है।’’

सुरेश की गिरफ्तारी के कारण परिवार के आय का स्थाई स्रोत खत्म हो गया।

सुरेश के पिता ई-रिक्शा चलाते हैं, उसकी मां घरेलू सहायिका का काम करती थी, लेकिन पिछले साल करीब छह महीने बीमार रहने के बाद उन्होंने काम करना बंद कर दिया। स्कूली शिक्षा बीच में छोड़ने वाली रेणु फिलहाल बेरोजगार है।

रेणु ने कहा, ‘‘हम अपने भाई की जमानत के लिए 15,000 रुपये का मुचलका नहीं जमा करवा सके। हमारी इतनी हैसियत नहीं थी।’’

अदालत में सुरेश की पैरवी करने वाले वकील राजीव प्रताप सिंह के अनुसार, कोविड महामारी के दौरान पूरे परिवार ने जैसे-तैसे करके सिर्फ पिता की कमाई पर गुजारा किया।

पुलिस ने दावा किया था कि सुरेश ने लाठी और लोहे का सरिया लिए हुए दंगाइयों की भीड़ के साथ मिलकर 25 फरवरी की शाम कथित रूप से दिल्ली के बाबरपुर रोड पर स्थित एक दुकान के ताले तोड़े और उसे लूटा। हालांकि, सुरेश को अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया है।

सुरेश के खिलाफ नौ मार्च, 2021 को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 143 (गैरकानूनी रुप से एकत्र होना), 147 (दंगा), 427 (बदमाशी), 454 (किसी के घर में जबरन घुसने का प्रयास) और 395 (डकैती) आदि के तहत आरोप तय किया गया।

अदालत में सुरेश ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए मुकदमे का सामना करने की बात कही थी।

सुरेश को आरोप मुक्त करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मंगलवार को कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ मामला साबित करने में सफल नहीं हुआ है।

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ फरवरी 2020 में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Arrested for not wearing mask: Kin of person freed in Delhi riots cases

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे