असम में तैनात सेना की टुकड़ियां एक या दो दिन में बैरक में वापस आ जाएंगी: सेना कमांडर

By भाषा | Published: December 16, 2019 03:59 PM2019-12-16T15:59:13+5:302019-12-16T15:59:13+5:30

असम में पिछले सप्ताह व्यापक हिंसा हुयी थी। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों, डाकघरों, बैंकों, बस टर्मिनलों, दुकानें और दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। सुरक्षा बलों द्वारा चलाई गई गोलियों में कम से कम चार लोग मारे गए। वहीं एक तेल टैंकर में आग लगाए जाने से एक चालक की मौत हो गई थी। 

Army troops deployed in Assam will return to the barracks in a day or two: Army Commander | असम में तैनात सेना की टुकड़ियां एक या दो दिन में बैरक में वापस आ जाएंगी: सेना कमांडर

पिछले करीब तीन दिनों में सेना की टुकड़ियां न केवल असम में बल्कि त्रिपुरा में भी तैनात की गयीं।

Highlightsअसम में तैनात सेना की टुकड़ियों को एक या दो दिन में बैरकों में वापस बुला लिया जाएगाविरोध प्रदर्शनों का केंद्र बने असम में सेना की टुकड़ियां तैनात की गई है।

सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को उम्मीद जताई है कि असम में तैनात सेना की टुकड़ियों को एक या दो दिन में बैरकों में वापस बुला लिया जाएगा क्योंकि राज्य में स्थिति ‘तेजी से सुधर’ रही है। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बने असम में सेना की टुकड़ियां तैनात की गई है। उन्होंने कहा कि यह राज्य प्रशासन का अधिकार है कि अगर वह किसी स्थिति को संभालने में विफल रहती है तो वह सेना से सहायता मांग सकती है।

चौहान ने कहा, ‘‘ पिछले करीब तीन दिनों में सेना की टुकड़ियां न केवल असम में बल्कि त्रिपुरा में भी तैनात की गयीं। कुछ को मेघालय में तैयार रहने को कहा गया लेकिन उन्हें तैनात नहीं किया गया।’’

जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम में कहा, ‘‘ शनिवार तक ऊपरी असम क्षेत्र में 24 टुकड़ियां और निचले असम क्षेत्र में 12 टुकड़ियां तैनात थी। हालांकि सिर्फ आठ टुकड़ियों ने फ्लैग मार्च किया। इसके बाद यह संख्या घटकर चार से पांच तक हो गई।‘‘

उन्होंने कहा, ‘‘ यह दिखाता है कि स्थिति कितनी तेजी से ठीक हो रही है...उम्मीद है कि एक या दो दिन में हम बैरक में होंगे और नगर प्रशासन कमान संभाल लेगा।’’ चौहान यहां विजय स्मारक दिवस पर आयोजित समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। यह दिवस 1971 में पाकिस्तान के ऊपर भारत के विजय के रूप में मनाया जाता है। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या पश्चिम बंगाल सरकार ने सेना से सहायता मांगी है, इस पर उन्होंने कहा कि नागरिक प्रशासन द्वारा सहायता मांगने पर सेना मदद के लिए तब आती है।

चौहान ने कहा, ‘‘ राज्य प्रशासन को इस पर निर्णय लेना होगा कि उसे सेना की सहायता चाहिए या नहीं।’’ पश्चिम बंगाल में भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले चार दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी है।

असम में पिछले सप्ताह व्यापक हिंसा हुयी थी। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों, डाकघरों, बैंकों, बस टर्मिनलों, दुकानें और दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। सुरक्षा बलों द्वारा चलाई गई गोलियों में कम से कम चार लोग मारे गए। वहीं एक तेल टैंकर में आग लगाए जाने से एक चालक की मौत हो गई थी। 

Web Title: Army troops deployed in Assam will return to the barracks in a day or two: Army Commander

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