चीन सीमा पर बढे़गी सेना की ताकत, पैंगोंग झील में गश्त के लिए मिलीं आधुनिक नावें

By शिवेंद्र राय | Published: August 16, 2022 03:19 PM2022-08-16T15:19:52+5:302022-08-16T16:13:16+5:30

पैंगोंग झील क्षेत्र में तेजी से आवागमन के लिए भारतीय सेना को विशेष तकनीक से निर्मित नावें मिली हैं। अब आधुनिक तकनीक से सुसज्जित इन नावों के शामिल हो जाने से सेना झील के किसी भी इलाके में चंद मिनटों में पहुंच जाएगी।

Army showcased capability of the Landing Craft Assault deployed in Pangong lake | चीन सीमा पर बढे़गी सेना की ताकत, पैंगोंग झील में गश्त के लिए मिलीं आधुनिक नावें

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsभारतीय सेना को मिले कई तरह के आधुनिक हथियाररक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान सेना को सौंपापैंगोंग झील में संचालन के लिए लैंडिंग क्राफ्ट अटैक प्रणाली मिली

नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ चल रही तनानती के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारतीय सेना को कई तरह आधुनिक हथियार सौंपे। भारतीय सेना को मिले सारे आधुनिक हथियार आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत विकसित किए गए हैं और स्वदेश निर्मित हैं।  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना को जो हथियार सौंपे उसमें पैंगोंग झील में संचालन के लिए लैंडिंग क्राफ्ट अटैक, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल समेत कई आधुनिक प्रणालियां शामिल थीं। 

राजनाथ सिंह को भारतीय सेना के ‘फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सोल्जर इन ए सिस्टम’ (F-INSAS) की नई हथियार प्रणालियों और AK-203 असॉल्ट राइफल की जानकारी दी गई और क्षमताओं से परिचित कराया गया। इस दौरान भारतीय जवानों ने लद्दाख में स्थित पैंगोंग झील में गश्त के लिए बनी विशेष नावों का प्रदर्शन भी किया। जवानों ने रक्षामंत्री के सामने  लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट की क्षमता का प्रदर्शन किया। खास तकनीक से बनीं ये नावें एक समय में 35 लड़ाकू सैनिकों को ले जा सकती हैं और बहुत ही कम समय में झील के किसी भी क्षेत्र तक पहुंच सकती हैं। इन नावों के सेना में शामिल होने से भारतीय सुरक्षा बलों की ताकत में इजाफा होगा। 

इस मौके पर राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें भारतीय सेना के 'इंजीनियर इन चीफ' लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने भी हिस्सा लिया।  लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने इस मौके पर कहा,  “सशस्त्र बलों के लिए हथियार प्रणालियों के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए भारत सरकार द्वारा पिछले कुछ समय में विभिन्न नीतिगत निर्णय लिए गए। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए आज सेना में कई नए स्वदेशी सैन्य उपकरण शामिल किए जा रहे हैं, जिनमें लैंड माइंस, पर्सनल वेपन्स और इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल शामिल हैं।”

लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने आगे कहा, “मैं सेना प्रमुख की ओर से आश्वासन देता हूं कि भारतीय सेना किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार है। चाहे वह पश्चिमी रेगिस्तान हो या लद्दाख सेक्टर में ऊंचाई वाले स्थान।” 

बता दें कि चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारतीय सेना लगातार अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हुई है। दो साल पहले गलवान में हुई झड़प के बाद से ही दोनो देशों की सेनाएं सीमा पर आमने सामने हैं। अब भारतीय सेना और भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने अपनी नीति चीन को ध्यान में रखकर बनानी शुरू कर दी है। भारत जल्द ही पारंपरिक और आधुनिक युद्ध एवं आतंकवाद से निपटने की रणनीति के तहत  4 लाख क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन की खरीद करेगा। इसके लिए सरकार से मंजूरी भी मिल गई है।

Web Title: Army showcased capability of the Landing Craft Assault deployed in Pangong lake

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