सेना प्रमुख ने कहा- पाकिस्तान की दिलचस्पी कोविड-19 से मुकाबला करने में नहीं, अब भी आतंकवादी एजेंडे पर कर रहा काम

By सुमित राय | Published: May 4, 2020 03:41 PM2020-05-04T15:41:20+5:302020-05-04T16:02:25+5:30

शहीदों में एक कर्नल, एक मेजर, दो सेना के जवान और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं।

Army chief General MM Naravane pays tribute to personnel killed in Handwara, says- India proud of five security personnel | सेना प्रमुख ने कहा- पाकिस्तान की दिलचस्पी कोविड-19 से मुकाबला करने में नहीं, अब भी आतंकवादी एजेंडे पर कर रहा काम

सेना प्रमुख ने कहा- पाकिस्तान की दिलचस्पी कोविड-19 से मुकाबला करने में नहीं। (फाइल फोटो)

Highlightsसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना संघर्ष विराम का उल्लंघन और आतंकवाद का समर्थन करने वाले सभी कृत्यों का करारा जवाब देगी।उन्होंने कहा कि घुसपैठ के प्रयास दर्शाते हैं कि पाकिस्तान की दिलचस्पी कोविड-19से मुकाबला करने में नहीं है।

सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा है कि भारत को अपने उन पांच सुरक्षाकर्मियों पर गर्व है, जिन्होंने आम नागरिकों की जान बचाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान किया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर हंदवाड़ा में आतंकियों के खिलाफ अभियान में कर्नल और मेजर समेत भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।

थलसेना प्रमुख ने कहा कि कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन के दौरान सहायकों का नुकसान नहीं हो। मैं अपनी सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बहादुर जवानों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और आभार व्यक्त करता हूं।

संघर्ष विराम उल्लंघन और आतंकवादी गतिविधियों पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा, "भारतीय सेना संघर्ष विराम का उल्लंघन और आतंकवाद का समर्थन करने वाले सभी कृत्यों का करारा जवाब देगी। क्षेत्र में शांति बहाल करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है।"

थल सेना प्रमुख ने पीटीआई-भाषा के साथ एक विशेष इंटरव्यू में कहा, "पाकिस्तान जब तक राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की अपनी नीति नहीं छोड़ता, हम उचित और सटीक जवाब देना जारी रखेंगे।" उन्होंने कहा, "घुसपैठ के प्रयास दर्शाते हैं कि पाकिस्तान की दिलचस्पी कोविड-19से मुकाबला करने में नहीं है। पाकिस्तान अब भी भारत में आतंकवादियों को धकेलने के अपने अदूरदर्शी और तुच्छ एजेंडे पर काम कर रहा है।"

जनरल नरवणे ने कहा कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ के हालिया प्रयासों से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की दिलचस्पी महामारी कोविड-19 से मुकाबला करने में नहीं है तथा वह अब भी आतंकवादियों को भारत में धकेलने के अपने "अदूरदर्शी और तुच्छ" एजेंडे पर काम कर रहा है।" उन्होंने कहा, "अपनी सरकार और सेना द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को कम प्राथमिकता देना (कोरोना वायरस के) मामलों में तेजी से वृद्धि और पाकिस्तान में चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी से स्पष्ट है।" 

थल सेना प्रमुख ने कहा कि दक्षेस वीडियो सम्मेलन के दौरान भी पाकिस्तान की संकीर्णता पूरी तरह से प्रदर्शित हुयी थी जब उसने उस मंच का उपयोग अपने नागरिकों को महामारी से सुरक्षित रखने के तरीके खोजने के बजाय कश्मीर में मानवाधिकार के 'गैर-मौजूद' उल्लंघन की शिकायत करने के लिए की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं से स्पष्ट होता है कि वह देश वैश्विक खतरा है और अपने ही नागरिकों को राहत मुहैया कराने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है।

 उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा पर मासूम नागरिकों को निशाना बनाती है। उन्होंने कहा कि वास्तव में पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों की सूची से कट्टर आतंकवादियों के नाम हटाने से साबित होता है कि वह अब भी राज्य की नीति के एक औजार के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करने में विश्वास करता है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब भी न सिर्फ भारत के अंदर बल्कि अफगानिस्तान में भी आतंकवाद और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए छद्म रूप से काम कर रहा है। थल सेना प्रमुख ने कहा कि अफगान सुरक्षा बलों के खिलाफ अचानक हिंसा में वृद्धि से मादक पदार्थों की तस्करी और धनशोधन के संकेत मिलते हैं।
(भाषा से इनपुट के साथ)

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