असम, नागालैण्ड और मणिपुर में आफ्स्पा क्षेत्रों को कम करेगी सरकार, अमित शाह ने दी जानकारी
By विशाल कुमार | Published: March 31, 2022 02:47 PM2022-03-31T14:47:31+5:302022-03-31T14:55:03+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक महत्वपूर्ण कदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का निर्णय लिया है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने दशकों की अशांति के बाद नागालैण्ड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) के तहत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है।
शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक महत्वपूर्ण कदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफ्स्पा) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का निर्णय लिया है।
In a significant step, GoI under the decisive leadership of PM Shri @NarendraModi Ji has decided to reduce disturbed areas under Armed Forces Special Powers Act (AFSPA) in the states of Nagaland, Assam and Manipur after decades.
— Amit Shah (@AmitShah) March 31, 2022
इस कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को श्रेय देते हुए उन्होंने कहा कि उग्रवाद को समाप्त करने और उत्तर पूर्व में स्थायी शांति लाने के लिए लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण बेहतर सुरक्षा स्थिति और तेजी से विकास ने इसे संभव बनाया है।
क्षेत्र के लोगों को बधाई देते हुए, उन्होंने पहले की सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह क्षेत्र दशकों से उपेक्षित था और अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास का एक नया युग देख रहा है।
आफ्स्पा सुरक्षा बलों को कहीं भी अभियान चलाने और बिना किसी पूर्व वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। यह किसी ऑपरेशन के गलत होने की स्थिति में सुरक्षा बलों को एक निश्चित स्तर की प्रतिरक्षा भी देता है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पिछले साल 4 दिसंबर को नागालैंड के मोन जिले में उग्रवाद विरोधी अभियान और जवाबी हिंसा में सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत के बाद कानून को रद्द करने की मांग तेज हो गई है।
मणिपुर में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में, सभी दलों ने राज्य से विवादास्पद अधिनियम को हटाने की मांग को पूरा करने का वादा किया था। दूसरे कार्यकाल के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में लौटे बीरेन सिंह ने आफस्पा के बारे में कुछ करने के वादे के साथ राज्य का चुनाव लड़ा।