तबलीगी जमात से जुड़ें लोगों को क्वारंटाइन से छोड़ने के लिए दिल्ली HC में याचिका दायर, कल होगी सुनवाई
By स्वाति सिंह | Published: May 14, 2020 01:45 PM2020-05-14T13:45:34+5:302020-05-14T13:55:42+5:30
करीब 40 दिन से विभिन्न पृथक-वास केंद्रों में रह रहे और जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाए जाने के बावजूद वहां से बाहर नहीं निकाले गए तबलीगी जमात के तकरीबन 3,300 सदस्यों को छोड़ने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है।
नई दिल्ली:तबलीगी जमात से संबंधित सभी लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखने के नाम पर 35 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया है। इस मामले की सुनवाई अब कल होगी।
कहा जा रहा है कि इन लोगों को विभिन्न क्वारंटाइन केंद्रों में रखा गया है। बता दें कि करीब 40 दिन से विभिन्न पृथक-वास केंद्रों में रह रहे और जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाए जाने के बावजूद वहां से बाहर नहीं निकाले गए तबलीगी जमात के तकरीबन 3,300 सदस्यों को छोड़ने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है।
याचिका में प्राधिकारियों को 14 दिन की पृथक-वास अवधि के दिशा-निर्देश का पालन करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है। इसमें यह पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग की गई है कि क्या सदस्यों को लगातार रोक कर रखना संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है।
Plea moved in Delhi High Court seeking immediate release of all persons related to Tabligi Jamaat, alleging that they are detained for more than 35 days in the name of quarantine centers. Matter to be heard tomorrow. pic.twitter.com/MFx6Kc0tIz
— ANI (@ANI) May 14, 2020
सामाजिक कार्यकर्ता सबीहा क़ादरी ने याचिका में आरोप लगाया है कि कई लोगों को अवैध तरीके से पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और इन केंद्रों में रह रहे कई लोगों ने प्राधिकारियो को पत्र लिखे हैं लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया। वकील शाहिद अली के जरिए दायर की गई इस याचिका के अनुसार प्राधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहे हैं और उन्होंने इसमें लापरवाही बरती है।
इसमें कहा गया है कि पृथक-वास के नाम पर लगातार हिरासत में रखना न्यायोचित नहीं है और यह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है, ‘‘तबलीगी जमात के कुल 3,288 लोगों को पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और अभी तक वहां से किसी को छुट्टी नहीं दी गई है जबकि वे संक्रमित नहीं हैं और कई सदस्यों की लगातार आई तीन रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हो गई है।’’
इसमें पृथक-वास केंद्रों में संगठन के दो सदस्यों की मौत की जांच के लिए एक समिति गठित करने और अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने छह मई को कहा था कि पृथक-वास की अनिवार्य अवधि पूरी कर चुके तबलीगी जमात के वे सदस्य घर जा सकते हैं, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के सदस्यों के कार्यक्रम में भाग लेने वाले कई लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद दिल्ली में कोविड-19 के मामले बढ़ गए थे, जिसके बाद इस सभा में शामिल हुए अन्य लोगों को पृथक-वास केंद्र में ले जाया गया था।
देश में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित
मार्च महीने में निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए 25,000 से अधिक सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों को पृथक वास में रखा गया है। निजामुद्दीन के धार्मिक कार्यक्रम में कम से कम 9,000 लोग शामिल हुए थे। बाद में इनमें से कई लोगों ने देश के विभिन्न हिस्सों की यात्राएं कीं। तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वायरस हुआ है और 10 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।