तमिलनाडुः तूतीकोरिन हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, CBI जांच की उठाई मांग 

By रामदीप मिश्रा | Published: May 24, 2018 06:41 PM2018-05-24T18:41:22+5:302018-05-24T18:43:29+5:30

मंगलवार और बुधवार को स्थानीय लोगों ने प्रदूषण संबंधी चिंता के कारण वेदांत समूह के तांबे के कारखाने को बंद किए जाने की मांग करते हुए सड़कों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था

Anti Sterlite protest Supreme Court Lawyer files writ petition seeks CBI probe | तमिलनाडुः तूतीकोरिन हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, CBI जांच की उठाई मांग 

तमिलनाडुः तूतीकोरिन हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, CBI जांच की उठाई मांग 

चेन्नई, 24 मई: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पिछले दिनों हुई पुलिस फायरिंग में 11 लोगों की मौत हो गई और इलाके में अभी भी हिंसा की छिट-पुट घटनाएं सामने आ रही हैं। वहीं यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले को लेकर वकील जीएस मणि ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और एक जनहित याचिका दाखिल की। यह याचिका तूतीकोरिन के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर दायर की गई है।


वहीं, याचिका में मारे गए लोगों के परिजन को 50-50 लाख और घायलों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई है। साथ ही तूतीकोरिन, कन्याकुमारी और अन्य जिलों में इंटरनेट सेवा को बहाल करने की भी मांग की गई है। बता दें, लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए यहां इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।  

इधर, घटना के विरोध में राज्य सचिवालय में प्रदर्शन के दौरान द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन को गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया। इस बीच , मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने हिंसा भड़काने के लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया। चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर तूतीकोरिन में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा एवं आगजनी के कारण पलानीस्वामी के इस्तीफे और राज्य के पुलिस प्रमुख टी के राजेंद्रन की बर्खास्तगी की मांग करते हुए स्टालिन ने फोर्ट सेंट जॉर्ज कॉम्प्लेक्स में पार्टी विधायकों के साथ धरना दिया।

पुलिस की ओर से सचिवालय परिसर से प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने के बाद भी उन्होंने फोर्ट सेंट जॉर्ज के ठीक सामने स्थित राजाजी सलाई में अपना प्रदर्शन जारी रखा। ‘‘हमें इंसाफ चाहिए ’’ और ‘‘सरकार शर्म करो ’’ जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने पलानीस्वामी सरकार के तत्काल इस्तीफे की मांग की। 

मंगलवार और बुधवार को स्थानीय लोगों ने प्रदूषण संबंधी चिंता के कारण वेदांत समूह के तांबे के कारखाने को बंद किए जाने की मांग करते हुए सड़कों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे। शहर में गुरुवार को कहीं से ताजा हिंसा की सूचना नहीं मिली है, लेकिन स्थिति नाजुक बनी रही। कुछ खबरों में कहा गया कि पुलिस फायरिंग में जख्मी हुए शख्स की मौत हो गई, लेकिन इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं आया है।

खबरों में कहा गया कि स्टालिन, अभिनेता से नेता बने कमल हासन और एमडीएमके नेता वाइको के खिलाफ निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया गया है। इस बीच पलानीस्वामी ने तूतीकोरिन की घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए हिंसा के लिए विपक्षी पार्टियों और असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया। घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मुख्यमंत्री ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि संयंत्र को बंद करने के लिए पहले हुए सभी प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे थे।

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